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Saudi citizenship rule: सऊदी अरब ने नागरिकता नियमों में किया बदलाव, भारतीयों पर क्या पड़ेगा असर, समझिए

सऊदी अरब ने अपने नागरिकता नियमों में बड़े बदलाव किए हैं. इसका असर लाखों प्रवासियों पर पड़ने वाला है.

Saudi citizenship rule: सऊदी अरब ने नागरिकता नियमों में किया बदलाव, भारतीयों पर क्या पड़ेगा असर, समझिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान. (फाइल फोटो- Twitter/PIB)
 

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डीएनए हिंदी: सऊदी अरब ने अपने नागिरकता संबंधी नियमों में अहम बदलाव किया है. इस खाड़ी देश ने नागरिकता की शर्तें बदली हैं. किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज ने अपने एक शाही फरमान जारी कर नागरिकता के नए नियम तय किए हैं. उन्होंने उन प्रावधानों का जिक्र किया है, जब किसी शख्स को सऊदी अरब की नागरिकता मिल सकती है. 

नए नियमों के तहत प्रवासी पुरुषों से शादी करने वाली सऊदी महिलाओं के बच्चे अब 18 साल की उम्र के बाद नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. किंग सलमान के शाही फरमान के बाद नागरिकता कानून के अनुच्छेद 8 में संशोधन किया गया है.  

क्या हैं नागरिकता के नए नियम

अगर पिता सऊदी अरब का नागिरक है तो बच्चे को खुद-ब-खुद नागरिकता मिल जाती है. अगर माता सऊदी अरब की नागरिक है और पिता प्रवासी है तो बच्चों को नागरिकता 18 साल की उम्र के बाद मिल जाएगी. नागरिकता हासिल करने के लिए भी कुछ शर्तें प्रभावी होंगी. 

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बच्चों का जन्म खाड़ी देश में ही होना चाहिए. उनका चरित्र अच्छा होना चाहिए. उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमें न चल रहे हों और उन्हें अरबी भाषा आनी चाहिए. अगर वे इन सभी शर्तों को पूरा करते हैं तो 18 साल की उम्र के बाद उन्हें नागरिकता मिल सकती है.

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कैसे नागरिकता के लिए करें आवेदन

जो लोग सऊदी अरब की नागरिकता हासिल करने के योग्य हैं, उन्हें अपने पासपोर्ट को रिन्यू करना होगा. इसके लिए सऊदी अरब के गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट www.absher.sa पर जाकर जरूरी शर्तों को पूरा होगा. फॉर्म अप्लाई करने के लिए अपने अकाउंट्स के जरिए इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट को आवेदक रिन्यू कर सकते हैं. 

पुराने पासपोर्ट की जांच के लिए बिना अपाइंटमेंट के अपने संबंधित स्थानीय पासपोर्ट कार्यालयों में जा सकते हैं. पासपोर्ट निदेशालय ने नागरिकों से absher प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने का भी आग्रह किया.

भारत पर क्या पड़ेगा असर?

सऊदी अरब में लाखों भारतीय रहते हैं. कई भारतीयों ने सऊदी मूल की महिलाओं से शादी भी की है. सऊदी अरब की नागरिकता हासिल करना पहले बेहद मुश्किल था क्योंकि नागरिकता के अधिकार पुरुषों को महिलाओं से ज्यादा मिला था. अगर सऊदी अरब का पुरुष किसी महिला से शादी करता है तो उसे तत्काल नागरिकता मिल सकती है. 

अगर किसी महिला ने विदेशी पुरुष से शादी की तो विदेशी पुरुष को नागरिकता मिलने में कई अड़चनें सामने आती थीं. उनके बच्चों की नागरिकता तक तय नहीं हो पाती थी. अब इन नए नियमों से बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिलेगा.

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कई भारतीय पूरी तरह से सऊदी में सेटल हो गए हैं. उन्होंने इस खाड़ी देश में अपना बिजनेस चमका लिया है. नागरिकता की शर्तें स्पष्ट न होने की वजह से पहले उनके बच्चों को इसका लाभ नहीं मिलता था लेकिन अब उन्हें भी नागरिकता हासिल करने में आसानी होगी. इसका असर लाखों भारतीयों पर पड़ने जा रहा है.

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