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DNA क्या होता है, किसने की थी खोज? श्रद्धा मर्डर केस में कैसे बनेगा जांच का सबसे बड़ा हथियार

Shraddha Murder Case: श्रद्धा हत्याकांड मामले में पुलिस हड्डियों के डीएनए के बाद ही जांच की दिशा को आगे बढ़ाने में सफल होगी. 

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डीएनए हिंदीः श्रद्धा हत्याकांड (Shraddha Murder Case) मामले में पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, लगातार नए खुलासे सामने आ रहे हैं. पुलिस इस मामले को हल करने के लिए साइंटिफिक एविडेंस पर जोर दे रही है. मामले की जांच में देश की सबसे बड़ी फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री एफएसएल (FSL) और सीएफएसएल (CFSL) की मदद की जा रही है. खून के नमूने जमा करने से लेकर आरोपी आफताब की निशानेही पर बरामद हड्डियों की जांच की जा रही है. इस मामले को हल करने के लिए पुलिस की नजर डीएनए रिपोर्ट पर टिकी है. डीएनए रिपोर्ट ही इस मामले को नई दिशा देगी. आखिर डीएनए एनालिसिस (DNA Analysis) होता क्या है और कैसे यह किसी भी मामले की दिशा तय करता है इसे विस्तार से समझते हैं.   

डीएनए क्या होता है? 
डीएनए का पूरा नाम डी ऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड (Deoxyribo nucleic acid) होता है. इसकी खोज का श्रेय फ्रेडरिक मिशर को जाता है. उन्होंने 1869 में इसकी खोज की थी. हालांकि इसकी पहली संरचना की जानकारी 1953 में जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रिक ने दी. यह इंसानों और हर जीव में पाया जाता है. किसी भी व्यक्ति की हर कोशिका में एक ही तरह की डीएनए होती है. इससे उनकी वंशावली यानी माता और पिता का भी पता लगाया जा सकता है. 

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कैसे लिया जाता है डीएनए सैंपल
किसी भी आपराधिक मामले में जरूरत पड़ने पर जांच एजेंसी डीएनए सैंपल लेती है. खास तौर पर रेप और हत्या के मामलों में इसकी जांच की जाती है. इसका सैंपल शरीर के किसी भी अंग, खून, वीर्य, थूक, पेशाब, मल, बाल, दांत, हड्डियां, टिशु और कोशिकाओं से लिया जा सकता है. अगर बात श्रद्धा मर्डर केस की करें तो पुलिस को जांच में कुछ हड्डियां बरामद हुई हैं. इसके अलावा आफताब के घर से बाथरूम से भी खून के धब्बे मिले हैं. इसकी डीएनए जांच की जा रही है. डीएनए निकालकर उसे श्रद्धा के माता-पिता के डीएनए सैंपल से मिलवाया जाएगा.  

कपड़ों से लेकर नाखून तक... सब होते हैं अहम
किसी मामले की जांच के लिए टीम क्राइम सीन पर पहुंचती है तो वहां से साइंटिफिक एविडेंस जमा करने की कोशिश करती है. यह केस की दिशा तय करते हैं. डीएनए सैंपल के लिए कपड़ों से लेकर हथियार, नाखून, खून, बाल, अंडरगारमेंट्स, बिस्तर, कप, बॉटल, सिगरेट के बड्स, टूथपिक, टूथब्रश और यहां तक कि हरा पोंछ कर फेके गए रुमाल या नैपकिन, कंघी, चश्मा और कंडोम से भी डीएनए सैंपल निकाला जा सकता है.  

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कहां होती है डीएनए सैंपल की जांच 
डीएनए एनालिसिस एक जटल प्रक्रिया होती है. इसे सरकारी या मान्यता प्राप्त फॉरेंसिक लैब में किया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होता है. इसमें सैंपल से डीएनए निकालने से लेकर उसकी पूरी प्रोफाइल तैयार करना तक शामिल होता है. इसके बाद इस प्रोफाइल की आरोपी या संदिग्धों के डीएनए से मिलान किया जाता है. इसके बाद किसी नतीजे पर पहुंचा जाता है. 

एनडी तिवारी केस में भी बना था अहम सबूत
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के मामले में डीएनए रिपोर्ट ने पूरा मामला पलट दिया था. दरअसल रोहित शेखर नाम के शख्स ने दावा किया था कि एनडी तिवारी उनके जैविक पिता है. उन्होंने इसे लेकर 2008 में कोर्ट में केस भी दायर किया. कोर्ट ने एनडी तिवारी की डीएनए जांच के आदेश दिए. साल 2012 में दिल्ली हाईकोर्ट ने तिवारी की डीएनए रिपोर्ट के नतीजे सार्वजनिक करते हुए कहा कि नारायण दत्त तिवारी ही रोहित शेखर के बायोलॉजिकल पिता हैं. इस फैसले के बाद एनडी तिवारी ने रोहित की मां उज्जवला तिवारी से 88 साल की उम्र में शादी की. 

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