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राष्ट्रीय पार्टी बनने की जद्दोजहद में लगी AAP, क्या विधानसभा चुनाव 2023 से पहले मिल पाएगा दर्जा? जान लें शर्तें

AAP कर्नाटक में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मांग रही है. सुप्रीम कोर्ट 13 अप्रैल, 2023 से पहले इस बारे में फैसला ले सकता है.

राष्ट्रीय पार्टी बनने की जद्दोजहद में लगी AAP, क्या विधानसभा चुनाव 2023 से पहले मिल पाएगा दर्जा? जान लें शर्तें

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. 

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डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी (AAP) राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए कोर्ट के फैसले का इंताजर कर रही है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से पहले अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मांग रही है. कर्नाटक हाई कोर्ट 13 अप्रैल से पहले इस संबंध में फैसला जारी कर सकता है. 

कर्नाटक हाई कोर्ट ने में याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने कहा कि स्वतंत्र रूप से अनुरोध का आकलन करना और निर्णय लेना आयोग की जिम्मेदारी है. हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि आयोग 13 अप्रैल तक फैसला ले और याचिका का निस्तारण करे.

'AAP' ने बुधवार को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर आरोप लगाया था कि भारत के निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता के लिए उसकी अपील को 'समीक्षा के तहत' रखा है.

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AAP कर्नाटक यूनिट के संयोजक पृथ्वी रेड्डी ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. AAP ने याचिका में कहा था कि वह राष्ट्रीय पार्टी के रूप में नामित होने के लिए आवश्यक सभी शर्तों को पूरा करती है, लेकिन इसके बावजूद, इसमें देरी हुई है. AAP को सिर्फ राजनीतिक पार्टी का दर्जा दिया जा रहा है.

भारत में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की शर्तें क्या हैं?

राष्ट्रीय दल होने की तीन मुख्य शर्तें होती हैं. कोई भी राजनीतिक दल चार लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा में 6 फीसदी वोट हासिल करे. इसके अलावा या फिर विधानसभा चुनावों में 4 या इससे अधिक राज्यों में कुल 6 फीसदी या ज्यादा वोट शेयर जुटाए. इस मुद्दे पर चुनाव के राजनीतिक नियमों के जानकार केजे राव के मुताबिक निर्वाचन आयोग के सफाई अभियान के बाद अब देश में करीब 400 राजनीतिक पार्टियां हैं लेकिन इनमें से महज 8 को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है.

क्या है AAP का तर्क?

AAP का कहना है कि पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने की सभी शर्तों को पूरा करती है. AAP के अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि उसने 19 दिसंबर, 2022 को आयोग को एक अभ्यावेदन दिया था. 15 मार्च, 2023 को एक रिमांइडर ई-मेल किया था.

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AAP को दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त है. इसने 2022 में गुजरात चुनावों में चुनाव लड़ा था और आयोग को वहां मिले वोटों का विवरण प्रस्तुत किया था और अधिनियम के खंड 6बी के अनुसार एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता मांगी थी.

AAP ने हाल ही में पंजाब में सरकार बनाई, जिसके बाद भगवंत मान मुख्यमंत्री बने. दिल्ली और पंजाब में AAP सरकार में है. पार्टी ने गोवा, गुजरात और चंडीगढ़ में भी चुनाव लड़ा और पर्याप्त वोट हासिल किए. इसी वजह से AAP राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मांग रही है.

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