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मणिपुर में महिलाओं के साथ भीड़ ने क्यों किया ऐसा घटिया काम, पढ़ें मामले से जुड़ी एक एक बात

मणिपुर में हिंसक भीड़ ने 2 महिलाओं के साथ बर्बरता की हदें पार कर दी हैं. महिलाओं को नंगा करके भीड़ ने उनका यौन उत्पीड़न किया, परेड कराया. आइए जानते हैं क्या है यह पूरा केस.

मणिपुर में महिलाओं के साथ भीड़ ने क्यों किया ऐसा घटिया काम, पढ़ें मामले से जुड़ी एक एक बात

मणिपुर हिंसा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

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डीएनए हिंदी: मणिपुर में हिंसक भीड़ ने दो महिलाओं के साथ ऐसी बर्बरता की है, जिसे देखकर आपकी रूह कांप जाएगी. महिलाओं को भीड़ ने पहले नंगा किया, उनके प्राइवेट पार्ट्स को टच किया, हिंसा की वीडियो रिकॉर्डिंग की और उनके साथ गैंगरेप किया. कई दशकों तक भीड़ की ऐसी हिंसक कहानी, न किसी ने देखी होगी न सुनी होगी. मणिपुर कांड पर देश शर्मिंदा है.

हिंसक भीड़, पुलिस के सामने से महिलाओं को छीन लाई थी. गुरुवार को यह बर्बरता वायरल हो गई थी. देशभर में इस वीडियो पर लोग आक्रोशित हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश की बेइज्जती हो रही है और दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा. यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में जारी हिंसा पर कुछ कहा था. विपक्ष उनकी चुप्पी को लेकर सवाल खड़े कर रहा था. 

पीड़ित महिलाओं के एक किशोर भाई की उसी दिन भीड़ ने हत्या कर दी थी. भीड़ के हिंसक होने की वजह एक फेक वीडियो को ठहराया जा रहा है. आइए जानते हैं कि मणिपुर में हिंसक भीड़ इतना उग्र क्यों हुई, किस वजह से हालात बेकाबू हो गए.

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आदिवासी एकजुटता रैली के बाद बेकाबू हुए हालात

मणिपुर में मैतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहा है. कुकी समुदाय को इस मांग पर ऐतराज है. मैतेई समुदाय के लोग, जनजाति का दर्जा मांग रहे थे तभी हिंसा भड़क उठी. पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी एकजुटता रैली, हिंसा की वजह बन गई. 

NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन महिलाओं के साथ हिंसा हुई, वे एक छोटे से समूह का हिस्साभर थीं. 4 मई को जब दोनों समुदाय एक-दूसरे के जान के प्यासे हुए और हिंसा भड़की तो जान बचाने के लिए महिलाएं जंगल में भाग गईं. 

जनजाति के दर्जे पर मणिपुर में महासंग्राम

मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग को लेकर 3 मई को मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच हिंसा भड़क उठी. पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी एकजुटता रैली के तुरंत बाद झड़पें शुरू हो गईं.

पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों महिलाएं एक छोटे समूह का हिस्सा थीं, जो 4 मई को पहाड़ियों और घाटी के इन दोनों जातीय समुदायों के बीच हमलों और जवाबी हमलों का सिलसिला शुरू होने पर बचने के लिए एक जंगली इलाके में भाग गई थीं. 

क्यों हिंसक हो उठी भीड़?

भीड़ में यह खबर फैली कि उनके समुदाय की महिलाओं के साथ रेप हुआ है. नाराज भीड़ ने एक गांव में रेड डाल दिया. भीड़ ने दो पुरुष और तीन महिलाओं के समूह दौड़ा लिया. अधेड़ उम्र का एक पुरुष, एक 19 साल का लड़का, 21 और 52 साल की दो महिलाएं, भीड़ के हत्थें चढ़ गईं.

पुलिसकर्मियों के सामने से भीड़ ने महिलाओं को छीना

FIR के मुताबिक जंगल की ओर भाग रहे लोगों को नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन के पास पुलिसकर्मियों की एक टीम मिली. पुलिस स्टेशन से करीब 2 किलोमीटर दूर एक जगह पर पुलिस के साथ-साथ करीब 800 से 1,000 लोगों की भीड़ ने धावा बोल दिया. भीड़ महिलाओं को पुलिसकर्मियों से छीनकर आगे बढ़ गई.

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भीड़ के हमले में किशोर की मौके पर ही मौत हो गई. वह भीड़ से अपनी बहन को बचाने की कोशिश कर रहा था. पीड़ित परिवार की ओर से दर्ज कराई शिकायत के मुताबिक एक महिला के साथ भीड़ ने गैंगरेप किया था. पुलिस ने 18 मई को जीरो FIR दर्ज की थी. यह केस 21 मई को नोगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया था. इसी इलाके में यह वारदात सामने आई थी.

क्यों घटना के 2 महीने बाद वायरल हुआ वीडियो?

मणिपुर में 3 मई से ही इंटरनेट बैन था. गुरुवार को जैसे ही यह वीडियो सामने आया, वायरल हो गया. लोगों ने ट्विटर पर वीडियो को जमकर शेयर किया. देशभर के लोगों में इस वीडियो को लेकर आक्रोश है. लोग मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का इस्तीफा मांग रहे हैं.

भीड़ में शामिल एक आरोपी गिरफ्तार

हिंसक भीड़ में शामिल एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है. उसका नाम हेराडास है. वह वायरल वीडियो में हरे रंग की शर्ट में नजर आ रहा है. पुलिस भीड़ में शामिल लोगों की तलाशी में जुटी है. आधुनिक तकनीक के जरिए लोगों की तस्वीरों के बारे में पड़ताल किया जा रहा है. इस केस में पुलिस की 12 से ज्यादा टीमें लगी हैं. मणिपुर हिंसा के दो महीने से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी क्यों कोई एक्शन नहीं हुआ, इस पर लोग सवाल उठा रहे हैं. 

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