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South Korea: एक ऐसा चुनावी वादा, जो कम कर देगा करोड़ों लोगों की उम्र, आखिर पूरा मामला क्या है?

दक्षिण कोरिया में उम्र की गणना तीन तरीके से होती है. देसी और अंतर्राष्ट्रीय मानकों में 2 साल का अंतर कैलेंडर की वजह से हो जाता है.

South Korea: एक ऐसा चुनावी वादा, जो कम कर देगा करोड़ों लोगों की उम्र, आखिर पूरा मामला क्या है?

दक्षिण कोरिया में होने वाला है अहम बदलाव.

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डीएनए हिंदी: क्या आपने कभी सुना है कि किसी चुनाव में उम्र कम करने का वादा किया गया हो? दक्षिण कोरिया (South Korea) में राष्ट्रपति चुनाव तक इसी वादे पर जीत लिया गया है. यून सुक योल (Yoon Seok-youl) ने राष्ट्रपति चुनावों के दौरान वादा किया था सत्ता में आने पर देश में आयु निर्धारण के लिए दक्षिण कोरिया के सिविल कोड (Civil Code) में बदलाव करेंगे.

चुनाव के बाद वह राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं. अब वह देश में आयु निर्धारण की प्रक्रिया में संशोधन कर सकते हैं. आइए समझते हैं आखिर इसकी वजह क्या है?

कैसे तय होती है दक्षिण कोरिया में उम्र?

आयु निर्धारण के अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक वास्तविक उम्र की तुलना में 2 साल का अंतर हो जाता है. नागरिक संहिता में संशोधन के बाद यह अंतर खत्म हो जाएगा. देश के करीब 5.3 करोड़ लोगों की उम्र दक्षिण कोरिया में मौजूद दस्तावेजों में कम हो जाएगी.

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कितना अहम है उम्र का रोल?

दक्षिण कोरिया में उम्र के आधार पर सामाजिक प्रतिष्ठा तय होती है. कानूनी मामलों में भी इसी उम्र को महत्व दिया जाता है. वोट डालने की प्रक्रिया भी यहीं से तय होती है. ऐसे में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड को लागू करने के लिए प्रक्रिया में बदलाव की बेहद जरूरत है. नए राष्ट्रपति ने 11 अप्रैल को एक योजना का ऐलान किया है जिसमें कैलेंडर में बदलाव किया जाएगा.

अब देश के निर्वाचित राष्ट्रपति यून सुक-योल कोरियाई युग की इस प्रक्रिया को खत्म करने की कोशिश में लगे हैं. हाल ही में यून की टीम के राजनीतिक, न्यायिक और प्रशासनिक उपसमिति के प्रमुख ली योंग-हो ने कहा कि वे दक्षिण कोरिया में उम्र की गणना के तरीके के मानकीकरण की वकालत कर रहे हैं. वह व्यावहारिक कारणों से बदलाव चाहते हैं.

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क्यों जरूरी है यह बदलाव?

उम्र निर्धारण के अंतर्राष्ट्रीय मानकों और स्वदेशी मानकों के बीच का फासला भ्रम की स्थिति पैदा करता है. मसलन किसी की उम्र अंतर्राष्ट्रीय मानकों के हिसाब से 30 साल है तो वह दक्षिण कोरिया में 32 साल हो सकती है. यह भ्रम की स्थिति पैदा करती है. अब इसी स्थिति को बदलने की कोशिश हो रही है.

कोरिया में होने वाला है अहम बदलाव.

कैसे तय होती है उम्र?

1.
कोरियन एज के जरिए उम्र का निर्धारण होता है. कोरिएन एज के मुताबिक जैसे एक बच्चा पैदा होता है उसकी उम्र में 1 साल जुड़ जाता है. अगर बच्चा 31 जनवरी को पैदा होता है तो वह 1 जनवरी को 2 साल का मान लिया जाएगा.

2. दक्षिण कोरिया में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का ध्यान रखा जाता है. जन्म के वक्त बच्चे की उम्र जीरो और फिर हर डेट ऑफ बर्थ पर उम्र बढ़ती जाती है. कानूनी काम में इसका इस्तेमाल होता है.

3. दक्षिण कोरिया में इयर एज का भी इस्तेमाल होता है. इसमें जन्म के वक्त उम्र शून्य होती है हर साल 1 जनवरी को ही इसमें 1 साल जुड़ जाता है. यह सेना, शिक्षा और दूसरी कानून प्रक्रियाओं में स्वीकृत है. 

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लोग भी चाहते हैं बदल जाए आयु निर्धारण की पुरानी प्रक्रिया

दक्षिण कोरिया के लोग भी चाहते हैं कि आयु निर्धारण की इस प्रक्रिया में बदलाव हो. चीन और ताइवन में भी इन्हीं प्रक्रियाओं का पालन किया जाता था जिसे अब नहीं माना जाता है.  दक्षिण कोरिया के 70 फीसदी लोग चाहते हैं कि यह खत्म हो. 

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