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Modi Surname Case:  '8 साल संसद में नहीं दिखेंगे राहुल गांधी' कैसै चली गई सांसदी? 5 पॉइंट्स में जानें क्या है प्रावधान

Rahul Gandhi Disqualification: संसदीय नियमों के तहत राहुल गांधी की सदस्यता एक ही तरीके से बच सकती है, यदि हाई कोर्ट में अपील पर सुनवाई हो.

Modi Surname Case:  '8 साल संसद में नहीं दिखेंगे राहुल गांधी' कैसै चली गई सांसदी? 5 पॉइंट्स में जानें क्या है प्रावधान

rahul gandhi (file photo)

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डीएनए हिंदी: Rahul Gandha News- पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की सेशन कोर्ट ने साल 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहरा दिया है. राहुल गांधी को कोर्ट ने दो साल कैद की सजा सुनाई है. हालांकि राहुल गांधी को फिलहाल जेल नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन संसदीय नियमों के तहत उनके लोकसभा सांसद रहने पर इस सजा की वजह से उनकी सांसदी चली गई है. लोकसभा सचिवालय ने अपने आदेश में कहा है कि वह अब सांसद बने रहने के लिए अयोग्य हैं. हाल ही में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके बेटे की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता इसी कारण छिन चुकी है. ऐसे में सभी की दिलचस्पी यह जानने में है कि राहुल गांधी के मामले में क्या संभावनाएं हैं? 

यहां 5 प्वॉइंट्स में जानते हैं क्या है नियम और क्या है पूरी बात.

1. क्या कहता है जनप्रतिनिधि कानून

जनप्रतिनिधि कानून में इसे लेकर स्पष्ट प्रावधान है. इसके मुताबिक, किसी सांसद या विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर सदस्यता का परीक्षण होगा. इस परीक्षण में उसे सांसद या विधायक की हैसियत से हटाया जा सकता है यानी उसकी सदस्यता छीनी जा सकती है. इतना ही नहीं यदि सदस्यता रद्द होती है तो वह 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा. चुनाव नहीं लड़ने का समय उसकी सजा खत्म होने के बाद शुरू होगा. इस हिसाब से देखा जाए तो राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता छिन सकती है और वे अगले 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. राहुल गांधी फिलहाल केरल की वायनाड़ सीट से लोकसभा सांसद हैं. अब उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है.

पढ़ें- Modi Surname Case: क्या होता है मानहानि का मुकदमा, जिसके चलते राहुल गांधी को हुई 2 साल की सजा, जानिए सबकुछ

2. क्या होगी संसद सदस्यता रद्द होने की प्रक्रिया

राहुल गांधी के सांसद होने के नाते सेशन कोर्ट से मिली सजा के फैसले की कापी सूरत जिला प्रशासन लोकसभा सचिवालय और चुनाव आयोग को भेजेगा. लोकसभा सचिवालय इस मामले को स्पीकर के सामने रखेगा. यदि लोकसभा अध्यक्ष यानी स्पीकर इस मामले को जनप्रतिनिधि कानून के नियमों के तहत उचित मानते हैं तो वे राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर देंगे. इसी जानकारी चुनाव आयोग को दी जाएगी ताकि संबंधित लोकसभा सीट को खाली घोषित कर उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू की जा सके. 

Video: Rahul Gandhi-'Modi Surname Case' में राहुल गांधी को 2 साल की सजा, क्या है मामला

3. राहुल को मिला है 30 दिन का मौका

फिलहाल सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल को सजा सुनाने के बाद उन्हें जमानत दे दी है. साथ ही हाई कोर्ट में अपील करने के लिए 30 दिन का मौका दिया है. कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वे जल्द से जल्द अपील दाखिल करेंगे ताकि राहुल की सदस्यता पर सवाल उठाने का मौका भाजपा को नहीं मिल सके. इसके लिए कांग्रेस ने शुक्रवार सुबह 10 बजे विपक्षी दलों की एक मीटिंग भी बुलाई है. इसमें कोर्ट से बाहर भी इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ने की तैयारी की जाएगी. 

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4. हाई कोर्ट में अपील होने पर क्या होगा

यदि राहुल गांधी इस सजा को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती देते हैं तो पहली कोशिश सूरत सेशन कोर्ट के फैसले पर स्टे लगवाने की होगी. हाई कोर्ट से फैसले पर स्टे लगने के बाद राहुल गांधी की सदस्यता केस में फैसला आने तक बची रहेगी. हाई कोर्ट में स्टे नहीं मिलने पर राहुल को सुप्रीम कोर्ट जाकर फैसले पर रोक लगवानी होगी.

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4. क्या संसद सत्र में शामिल हो सकते हैं राहुल?

नियमों के मुताबिक, राहुल गांधी तब तक संसद सत्र में सांसद के तौर पर शामिल नहीं हो सकते, जब तक वे हाई कोर्ट में अपील दाखिल नहीं कर देते और हाई कोर्ट उनकी अपील का संज्ञान लेकर उस पर सुनवाई के लिए तारीख तय नहीं कर देता.

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5. पहले ये था सदस्यता का नियम

जनप्रतिनिधि कानून में पहले धारा 8(4) के तहत सांसद और विधायक को राहत दी गई थी. इस राहत के तहत वे दोषी ठहराए जाने पर भी 3 महीन के अंदर फैसले के खिलाफ अपील या पुनरीक्षण याचिका दाखिल कर सकते थे. यह याचिका दाखिल होने पर उनकी सदस्यता खारिज नहीं की जाती थी. इस धारा को साल 2013 में सु्प्रीम कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने दोष सिद्ध होने पर ही सांसद-विधायक को तत्काल अयोग्य घोषित करने और सीट को खाली घोषित करने की व्यवस्था की थी. 

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