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Notebandi 2.0: चलन से बाहर होंगे 2000 रुपये के नोट, देश में अब तक कितनी बार हुई है नोटबंदी? जानिए इतिहास

देश में 2000 रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए हैं. अब नए 2000 रुपये के नोट नहीं छापे जाएंगे. इसे नोटबंदी 2.O के कहा जा रहा है. 8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी ने देशभर को प्रभावित किया था.

Notebandi 2.0: चलन से बाहर होंगे 2000 रुपये के नोट, देश में अब तक कितनी बार हुई है नोटबंद��ी? जानिए इतिहास

देश में 2,000 रुपये के नोट हुए चलन से बाहर.

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डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऐलान किया है कि अब 2,000 रुपये के बैंक नोटों को चलन से वापस लिया जाएगा. 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल होंगे, इनका लीगल टेंडर खत्म नहीं किया जा रहा है. RBI के इस फैसले को नोटबंदी 2.O कहा रहा है. आमतौर पर लोग जानते हैं कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार नोटबंदी की थी लेकिन नोटबंदी नया टर्म नहीं है. नोटबंदी का इतिहास पुराना है.

साल 1946 में चर्चित रही थी नोटबंदी

आधुनिक इतिहास में साल 1946 में पहली बार नोटबंदी हुई थी. भारत के वायसराय सर आर्चीबाल्ड वेवेल ने एक अध्यादेश पारित किया, जिसके बाद 26 जनवरी रात 12 बजे के बाद से 500, 1000 और 10000 रुपये के नोट रद्द हो गए थे.

आजादी के बाद पहली बार 1978 में हुई थी नोटबंदी 

16 जनवरी 1978 में जनता पार्टी की सरकार ने ब्लैक मनी को खत्म करने के लिए 1000 और 5000 और 10000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया था. तब मोरार जी देसाई प्रधानमंत्री थे.

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2016 की नोटबंदी, जब कतार में खड़ा हो गया था देश

8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक देश के नाम एक संबोधन जारी करते हैं. संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, 'भाइयों एवं बहनों, आज रात 12 बजे से 500 और 1,000 रुपए के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान के बाद देश में भगदड़ जैसी स्थिति मची थी.

बैंकों में पुराने नोट वापस करने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी रहती थीं. लोग एटीएम के बाहर लंबी कतारों में नजर आ रहे थे. प्रधानमंत्री की इस फैसले की वजह से बड़ी आलोचना हुई थी. नोटबंदी को केंद्र सरकार काले धन के खिलाफ सफलता बताती रही है लेकिन अर्थशास्त्री ऐसे किसी लाभ से इनकार करते रहे हैं.

किस कानून के तहत RBI के पास है नोटबंदी का अधिकार?

RBI एक्ट, 1934 की धारा 26 (2) के तहत RBI के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर केंद्र सरकार भारत के गजट में अधिसूचना जारी कर किसी नोट को वैध मुद्रा के रूप में रद्द कर सकती है. जो तारीख RBI की ओर से तय की जाएगी, वही प्रभावी होगा.

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