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Budget 2024: क्या है नौनो DAP जिसका वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाषण में किया जिक्र?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट गुरुवार को पेश किया है. सरकार ने नैनो डीएपी को बढ़ावा देने का फैसला किया है. आइए जानते हैं क्या है यह टर्म.

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NANO DAP पर ध्यान देगी सरकार.

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डीएनए हिंदी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में अपने अंतरिम बजट में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2024-25 भाषण के दौरान नैनो डीएपी का जिक्र किया है. वित्त मंत्री ने कहा है कि अलग-अलग फसलों पर नौनो डीएपी के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा. सरकार इस इंडस्ट्री को बूस्ट देने की कोशिश में है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी के अनुप्रयोग का विस्तार किया जाएगा.

केंद्र सरकार उर्वरकों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठा चुकी है. सरकार ने पहले नैनो यूरिया पर जोर दिया था, अब नौनो डीएपी की बारी है. यह कदम किसानों का खर्चा कम करेगा. आइए जानते हैं क्या है नैनो DAP जिसका जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया है. 

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क्या है नैनो डीएपी?
नैनो-डीएपी का पूरा नाम नैनो डाई-अमोनियम फॉस्फेट है. भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) इसे विकसित कर रहा है. यह एक नौनो टेक्नोलॉजी आधारित कृषि उर्वरक है. पारंपरिक बोरे वाली दानेदार खाद में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन और 46 प्रतिशत फास्फोरस होती थी, इसकी तुलना में नैनो डीएपी में 8% नाइट्रोजन और 16% फास्फोरस की मात्रा रहेगी. 

यह एक तरल उवर्क है, जिसके जरिए फसलों को नाइट्रोजन और फास्फोरस उचित मात्रा में दिया जाता है. यह पारंपरिक खाद की तुलना में बजट फ्रैंडली होगी और किसानों को कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे. यह लिक्विड खड़ी फसलों में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी को ठीक करने में मदद करता है.

क्यों खास है नैनो डीएपी?
नैनो डीएपी फॉर्मूलेशन में नाइट्रोजन 8 प्रतिशत और फॉस्फोर 16 प्रतिशत होता है. नैनो डीएपी के कण का आकार 100 नैनोमीटर से कम होता है. इसकी खासियत यह है कि इससे जड़ों और पौधों को लाभ मिलता है. नैनो डीएपी में नाइट्रोजन और फास्फोरस के नैनो क्लस्टर जैव-पॉलिमर और अन्य सहायक पदार्थों के साथ क्रियाशील होते हैं.

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फसल पर क्या पड़ता है असर?
नौनो डीएपी की वजह से बीज मजबूत होते हैं, पौधों की प्रकाश संश्लेषक दक्षता, बेहतर गुणवत्ता और फसल की पैदावार बेहतर होती है. नैनो डीएपी पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है लेकिन फसलों को सही मात्रा में पोषक तत्व देता है.

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