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President Election: जानें भारत में राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े 5 बड़े सवाल और उनके जवाब

5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद अब देश में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. वर्तमान राष्ट्रपति का कार्यकाल जुलाई में पूरा होगा.

President Election: जानें भारत में राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े 5 बड़े सवाल और उनके जवाब

President house

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डीएनए हिंदी: देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और उनके नतीजे आ चुके हैं. अब शुरू होने वाला है देश का एक और अहम चुनाव- राष्ट्रपति चुनाव. 
भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 24 जुलाई 2022 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और राष्ट्रपति यहां सर्वोच्च संवैधानिक पद है. हर 5 साल बाद राष्ट्रपति चुनाव होते हैं. जानते हैं देश में राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े खास पहलुओं के बारे में- 

1.क्या होती है योग्यता
देश का कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 35 साल या इससे अधिक है राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकता है. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को राज्य या केंद्र सरकार के तहत किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए.

2. कैसे होता चुनाव
भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक अप्रत्यक्ष प्रक्रिया के तहत होता है. राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए एक निर्वाचक मंडल तय होता है. संविधान के अनुच्छेद 54 में इसके बारे में बताया गया है. दरअसल राष्ट्रपति चुनाव में जनता सीधे तौर पर चुनाव में शामिल नहीं होती. जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को यह जिम्मेदारी दी जाती है. यही वजह है कि इसे अप्रत्यक्ष चुनाव कहा जाता है. 

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3. कौन करता है वोट, कौन नहीं
राष्ट्रपति चुनाव में सभी राज्यों के विधायक, लोकसभा सदस्य और राज्यसभा सदस्य वोट डालते हैं.राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति द्वारा संसद में नॉमिनेटेड मेंबर वोट नहीं डाल सकते.राज्यों की  विधान परिषद के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डाल सकते, क्योंकि वे जनता द्वारा चुने हुए नहीं होते.

4. कैसे होती है वोटिंग
इस चुनाव में एक खास तरीके से वोटिंग होती है, जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं. इस प्रक्रिया में वोट देने के साथ ही वोटर अपनी प्रायोरिटी भी तय कर देते हैं. मतलब वोट देने वाले सदस्य वोट देते वक्त बैलेट पेपर पर अपनी पसंद क्रमानुसार लिख देते हैं. यदि उनकी पहली पसंद वाले वोटों से विजेता का फैसला नहीं हो पाता है तो उनकी दूसरी पसंद वाले उम्मीदवार को सिंगल वोट की तरह मान लिया जाता है.इस प्रक्रिया को सिंगल ट्रांसफरेबल वोट कहा जाता है.

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5. कैसे होती है वोटों की गिनती
यह भी दिलचस्प तथ्य है कि राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने से ही जीत तय नहीं होती. राष्ट्रपति पद वही हासिल करता है जिसे सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल वेटेज का आधे से अधिक हिस्सा मिले. इस चुनाव में पहले से तय होता है कि जीतने वाले को कितने वोट या वेटेज पाना होगा. 

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