डीएनए स्पेशल
Johannes Kepler: दक्षिण-पश्चिम जर्मनी के स्वाबिया प्रांत में राइन और ब्लैक फॉरेस्ट नेकार के बीच में एक स्थान है वाइल डेर स्टाट. यहां 27 दिसंबर, सन् 1571 को जोहानेस का जन्म हुआ. पिता हेनरिख केपलर दिलेर फौजी थे.
रेनेसां में जर्मनी की भूमिका अग्रणी रही. वहां ज्ञान-विज्ञान की अनेक ऐसी प्रतिभाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने मानव-सभ्यता की दशा और दिशा बदल दी. जोहानेस केपलर ऐसी ही प्रतिभा थे. उन्होंने खगोलीय पिंडों की गतियों की व्याख्या की, आधुनिक प्रकाशिकी की आधारशिला रखी, बीनाई का अध्ययन कर दृष्टि की प्रक्रिया बताई, पिन होल कैमरे का विवेचन किया, दूरबिन की कार्यप्रणाली की व्याख्या की और बताया कि ज्वार-भाटा चंद्रमा के कारण आता है. उनके नियमों ने सर आइजक न्यूटन को प्रभावित किया. गैलीलियो से उनका पत्राचार रहा और टाइको ब्राहे के साथ काम करने के बाद वह ब्राहे के उत्तराधिकारी रहे. उन्होंने लगातार आठ साल मंगल ग्रह का अध्ययन किया और नव खगोल विज्ञान यानी एस्ट्रॉनोमिया नोवा की नींव डाल दी.
दक्षिण-पश्चिम जर्मनी के स्वाबिया प्रांत में राइन और ब्लैक फॉरेस्ट नेकार के बीच में एक स्थान है वाइल डेर स्टाट. यहां 27 दिसंबर, सन् 1571 को जोहानेस का जन्म हुआ. पिता हेनरिख केपलर दिलेर फौजी थे. सन् 1588 में उनका दुस्साहस मौत का कारण बना. मां कैथरीन उर्फ गुल्डेनमान सराय मालिक की बेटी थीं. उस पर जादूगरनी का अभियोग लगा. जोहानेस ने पैरवी कर मां को जिंदा जलाने से तो बचा लिया, लेकिन मां को चौदह माह कारावास में बिताने पड़े. दुर्भाग्य से वह अपनी मौसी को नहीं बचा सका, जिसने उसका लालन-पालन किया था. उसे जादूगरनी समझकर जला दिया गया.
तो ऐसा था उस समय जर्मनी समेत योरोप का वातावरण. चर्च का वर्चस्व था और ईसाई मान्यताओं के खिलाफ कुछ कहना या आवाज उठाना गुनाह. जोहानेस के अभिभावक विपन्न थे और उनकी बेटे को पढ़ाने में रुचि न थी. लेकिन जोहानेस के सौभग्य से स्वाबिया में निर्धन, ईमानदार, परिश्रमी और धर्मभीरू ईसाई बच्चों के लिए वजीफों आदि की व्यवस्था थी, लिहाजा उसे स्कूल से सेमीनरी और आगे विश्वविद्यालय में पढ़ने की असुविधा न हुई.
बहरहाल, जर्मन भाषआ की विद्वत्समाज में प्रतिष्ठा न थी, अत: जोहानेस ने प्राथमिक शाला में लेटिन पढ़ी. फिर उसने धर्मतत्वीय सेमीनरी में प्रवेश लिया, जहां उसने लैटिन और ग्रीक भाषआओं के साथ-साथ ईसाई और गैर ईसाई धर्मशास्त्र, तर्कशास्त्र, साहित्य, गणित और संगीत का अध्ययन किया. बीस वर्ष की वय में उसे ट्यूबिंगेन विश्वविद्यालय में कला संकाय से डिग्री मिली. मुमकिन है कि वह पुरोहित बन गए होते, किन्तु अंतिम परीक्षा में सफलता से पूर्व ही उन्हें आस्ट्रिया में स्टाइरिया की राजधानी ग्राटज में गणित व खगोल का अध्यापक बनने का मौका मिला.
दिलचस्प तौर पर वहां कैथोलिक हाप्सबर्ग राजा का राज था, मगर प्रोटेस्टेंटों का बहुमत. संकोच और अरुचि के बावजूद जोहानेस ने वह ऑफर स्वीकार कर लिया. अब तक सूर्यकेंद्री विश्व के रहस्यों में दिलचस्पी के कारण खगोलविद कोपरनिकस में उनकी रुचि जाग उठी थी और यही रुचि उनकी नियति तय कर रही थी. योहानेस केपलर को ख्याति खगोरविद के तौर पर मिली, किन्तु वह लेखन-कौशल के धनी थे. उनकी डाई आप्टिक्स को ज्यामितीय प्रकाशिकी की प्रथम कृति माना जाता है. उसकी अन्य कृति ‘मिस्टीरियम कॉस्मोग्राफिक्स’ खगोल की महत्वपूर्ण पुस्तक है.
सन् 1596 में छपी इस किताब में केपलर के प्रेक्षण का सार भी है और आगे की खोजों के सूत्र भी. लेकिन हम यहां उसकी जिस कृति का उल्लेख कर रहे हैं, वह है योहानिस केप्लरी एस्ट्रॉनोमी ओपेरा ओमनिड. यह केपलर की आत्मकथात्मक कृति है, पठनीय और दिलचस्प. छब्बीस वर्ष की वय में लिखी इस किताब में उन्होंने स्वयं को उत्तम पुरुष के रूप में चित्रित किया है और भूत और वर्तमान को अक्सर गड्डमड्ड कर दिया है.
इस किताब से ज्ञात होता है कि योहानेस सेमीनरी में सहपाठियों में बड़े अप्रिय थे. करियर को लेकर वह असमंजस से ग्रस्त रहे. ऊलजलूल मामलों में उलझते रहे. मौका मिलते ही साथी उन्हें पीटते थे और दुराचारियों को दृढ़तापूर्वक सताने के साथ-साथ विद्वेषपूर्ण स्वभाव के चलते वह भी फब्तियों से औरों को तंग करने से बाज नहीं आता था. लोगों से उसे घृणा थी। लोग भी उससे कन्नी काटते थे, किन्तु शिक्षकवर्ग उसे पसंद करते थे. नैतिक दृष्टि से पतित होने के बावजूद वे उसकी तारीफ करते थे. वह अंधविश्वासों की हद तक गिरफ्त में था. जब भी उसने गलत काम किया, ‘कन्फएस’ किया.
पवित्र ‘बाइबिल’ उसने दस की उम्र में पढ़ ली थी. उसने जुआ नहीं खेला, लेकिन अपने आपसे जीभर कर खेला. उसने कंजूसी बरती, क्योंकि गरीबी का भय उसे सालता था. उसने अरस्तु का दर्शन मूलरूप में पढ़ा. लूथर के विचार उसे पसंद आए. कई चीजों के बारे में वह मुगालते में रहा. किताबें उसके लिए कीमती रहीं. उसने कभी भी किसी से बहस में गुरेज न किया. चीजों की उपयोगिता उसके लिए मायने रखती थी.
बहरहाल, केपलर अप्रैल, सन् 1594 में ग्राट्ज पहुंचे. वे खगोलशास्त्र के अध्यापक थे और प्रांतीय गणितज्ञ भी. ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए वार्षिक पंचांग का दायित्व भी उन्हीं के कांधे था. केपलर ने आत्मकथा लेखन के निर्मम तकाजों को किस तरह पूरा किया, इसकी बानगी अपनी अध्यापकीय कर्म पर उनकी इस साफगोई से मिलती है कि उनके लेक्चर थका देने वाले या कम-अज-कम उलझाने वाले और अधिक बोधगम्य नहीं होते थे. नतीजतन दूसरे वर्ष उनकी कक्षा छात्रों से शून्य हो गई, मगर स्कूल के संचालक ने यह मानकर कि गणित पढ़ना सबके बस की बात नहीं, केपलर को ‘योग्य और विद्वान प्राध्यापक’ का प्रमाणपत्र देकर उनसे साहित्य शास्त्र और वर्जिल पर अतिरिक्त व्याख्यान देने का अनुरोध किया.
योहानेस केपलर के जीवन के दो महत्वपूर्ण प्रसंग हैं: प्रथम गैलीलियो से पत्राचार और द्वितीय ब्राहे से भेंट.
केपलर ने कोपरनिकस के बारे में अपने शिक्षक मिखाइल मेस्टलिन से पहलेपहल तब सुना था, जब वह ट्यूबिंगेन में छआत्र थे. मेस्टलिन की भांति केपलर को भी यकीन हो गया था कि सूर्य ही केंद्र में है. केपलर ने रहस्यवाद और विज्ञान का परस्पर सामंजस्य किया और कहा कि सूर्य पितृतुल्य सूर्यदेव का प्रतीक है. वह ताप और प्रकाश का स्रोत है. वह ग्रहों की कक्षाओं में गति का सर्जक है और सूर्यकेंद्रित विश्व की ज्यामितीय व्याख्या सहजता से की जा सकती है. केपलर ने विश्व के मूल में मौजूद गणितीय संगति में विश्वास को भी व्यक्त किया.
सन् 1587 में उसने अफनी कृति मिस्टेरियम कॉस्मोग्राफिक्स एक मित्र के हाथों गणितज्ञ गैलीलेयूस गैलिलेयूस को, जैसा कि वे हस्ताक्षर करते हैं, को भेजी. पौलूस आम्बगरि के हाथों किताब पाने के कुछ ही घंटों के भीतर गैलीलियो ने कृति को मैत्री का सबूत बताते हुए सत्यप्रेमी केपलर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की. कोपरनिकस में आस्थावान दो वैज्ञानिकों की चिट्ठी-पत्री आगे भी चली. केपलर ने प्लेटो और पायथागोरस की दुहाई देते हुए लैलीलियो को सचाई के लिए साहसपूर्वक सामने आने को उकसाया. केपलर ने गैलीलियो से उम्दा दूरबीन भेजने का भी आग्रह किया, किन्तु गैलीलियो न तो उसे अपनी बनाई दूरबीन भेज सके और न ही दोनों की कभी भेंट हुई.
टाइको ब्राहे से केपलर की भेंट सन् 1600 में प्राहा में हुई। केपलर ने यह सच बूझ लिया था कि ब्राहे की विस्तृत सारणियों के बिना खगोल विज्ञान का स्थापत्य खड़ा करना संभव नहीं है. उन्होंने एकदा लिखा-‘सभी चुप रहो और टाइको को सुनो.’ भेंट से एक वर्ष पूर्व उन्होंने लिखा-‘ब्राहे बहुत श्रीमंत हैं. उनके किसी भी एक यंत्र का मूल्य मेरी और मेरे सारे परिवार की समस्त संपत्ति से अधिक है.’ उधर टाइको यह समझ गये थे कि केपलर का गणितीय ज्ञान उनके लिए बड़ा मददगार साबित होगा.
दिसंबर, 1599 को उन्होंने केपलर को लिखा-‘आपको यह पता चल ही गया होगा कि महामहिम (राजा) ने मुझे कृपापूर्वक आमंत्रित किया है और मेरा यहां मैत्रीपूर्ण स्वागत किया गया है. मैं चाहता हूं कि आप यहां आए, तंगहाली से विवश होकर नहीं, अपितु अपनी इच्छा से और साथ-साथ काम करने के इरादे से. आप जिस कारण से भी आएं, मुझे एक मित्र की तरह पाएंगे.’
गौरतलब है कि टाइको ने बेनटिक दुर्ग में उत्कृष्ट वेधशाला स्थापित की थी। बहरहाल, ब्राहे ने केपलर को सबसे कठिन ग्रह मंगल के अध्ययन का काम सौंपा, तब तक ज्येष्ठ सहायक लोंगोमोंटानुस के सुपुर्द था. मसले को आठ दिनों में हल करने का केपलर का दावा बड़बोलेपन सिद्ध हुआ. उसे इस टास्क में आठ साल लग गए. उसके पास न कोई सह-गणक था और न ही तब तक लघुगणक अस्तित्व में आया था. धुनी केपलर के श्रम का नतीजा था-एस्टोनोमिया नोवा.
केपलर ने ग्रहगतियों के तीन विख्यात नियमों का प्रतिपादन किया, जिन्होंने विश्व के बारे में ईसाई अवधारणा की चूलें हिला दीं. केपलर ने कहा कि ग्रह परिपूर्ण वृत्तों में नहीं, वरन दो नाभियों से युक्त दीर्घवृत्ताकार कक्षाओं में भ्रमण करते हैं. उसने कहा कि सूर्य की ध्रुवांतर रेखा समान कालों में समान क्षेत्रों को घेरती है और यह भी कि किन्हीं भी दो ग्रहों के आवर्ती कालों के वर्ग सूर्य से उनकी मध्य दूरी के घन के अनुपात में रहते हैं. केपलर और टाइको के संबंध अट्ठारह माह कायम रहे. फरवरी, 1600 से अक्टूबर, 1601 तक. टाइको की मृत्यु के उपरांत केपलर उसका उत्तराधिकारी नियुक्त हुआ. राजगणितज्ञ के रूप में वह प्राहा में सन् 1600 से सन् 1612 में सम्राट रूडोल्फ द्वितीय की मृत्यु तक रहा. 15 नवंबर, सन् 1630 को जर्मनी में रेजेंसबर्ग में उसकी मृत्यु के साथ ही एक युग का अंत हो गया.
(डॉ. सुधीर सक्सेना लेखक, पत्रकार और कवि हैं. 'माया' और 'दुनिया इन दिनों' के संपादक रह चुके हैं.)
(यहां दिए गए विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
UP: पत्नी को छोड़ टीचर ने मुस्लिम युवती से की थी शादी, घर के बाहर खून से सनी मिली लाश
KL Rahul ने क्यों छोड़ा LSG? Sanjeev Goenka के खुलासे पर केएल ने किया पलटवार
Imsha Rehman: पाकिस्तानी टिकटॉकर इम्शा रहमान का X रेटेड Video वायरल, अकाउंट को किया डिएक्टिवेट
SSC CHSL Admit Card 2024 Tier 2 जारी, ssc.gov.in पर इस डायरेक्ट लिंक से करें डाउनलोड
Bad Habit For Liver: सुबह की ये गलत आदतें लिवर को करती हैं खराब, इन तरीकों से तेजी से करें रिकवर
Vastu Tips For Tulsi: तुलसी लगाते समय ध्यान रखें इसकी दिशा और नियम, तभी मिलेगी कृपा और आशीर्वाद
Bigg Boss 18: शो में एक्ट्रेस चुम क्यों हुई अनकम्फर्टेबल? आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे करण को हुई जलन
Meerapur bypoll: मुस्लिम वोटों के बंटने से किसका होगा फायदा? NDA ने बनाया नया सियासी समीकरण
UP: बहन के साथ करता था अश्लील हरकतें, चाचा ने भतीजे की कर दी हत्या, 4 आरोपी गिरफ्तार
Powerhouse of Protein: वेज प्रोटीन का पावरहाउस है टेस्टी डिश, चिकन-मटन भी हैं इसके आगे फेल
Delhi Pollution: बिगड़ गई दिल्ली-एनसीआर की आबो-हवा, स्मॉग से विजिबिलिटी हुई जीरो, 355 तक पहुंचा AQI
शरीर में दिखने वाले ये संकेत पथरी होने का हैं इशारा, नहीं दिया ध्यान तो किडनी भी होगी खराब
Uric Acid: कड़ाके की ठंड में तड़पा रहा जोड़ों का दर्द, तो आज ही बना लें इन 5 फूड से दूरी
Bihar By Election 2024: राजद की तीन और राजग की एक सीट पर मतदान आज, 38 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर
Ministry Of Sex: इस देश में खोला जा रहा 'सेक्स मंत्रालय', कपल को दिया जाएगा खास ऑफर
लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, पलक झपकते ही दुश्मन कर देगी खात्मा, जानें खासियत
'प्लीज मिथुन दा का पर्स लौटा दो' रैली में कटी Mithun Chakraborty की जेब, देखें अपील का Viral Video
गुजरात: PMJAY के तहत बिल बढ़ाने के लिए अस्पताल ने जबरन की 7 लोगों की एंजियोप्लास्टी, 2 की मौत
Manipur: जिरीबाम मुठभेड़ के एक दिन बाद 2 की मिली डेड बॉडी, तीन महिलाओं समेत 3 बच्चे लापता
CM Yogi का कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना, 'वोट के लिए परिवार को जलाने वालों का नाम नहीं बता रहे खरगे'
रात को सोने से पहले ये एक काम करना कभी न भूलें, शरीर की सारी परेशानियां हो जाएंगी छूमंतर
CJI बनते ही संजीव खन्ना ने Supreme Court में उठाया सख्त कदम, वकीलों को मानना होगा अब ये खास नियम
'बटेंगे तो कटेंगे' के बीच शहजाद पूनावाला की टी-शर्ट बन गई चर्चा का विषय, Viral हो रहा फोटो
भारत में शराब पीने की सही उम्र का मामला पहुंचा Supreme Court, जानें क्या है पूरा केस
Haryana News : पलवल में PNG गैस पाइपलाइन में ब्लास्ट से लगी भीषण आग, एक की मौत
Bigg Boss 18 के घर में फिर हुआ घमासान, Rajat Dalal ने दी Vivian Dsena को धमकी, Video
'Beyonce' पर कोर्स शुरू कर Yale University ने भारत को दिया है एक जबरदस्त Idea!
Singham Again के बाद अब इस फिल्म में कैमियो करेंगे Salman Khan, सामने आई डिटेल्स
'अघाड़ी भ्रष्टाचार में सबसे बड़ी खिलाड़ी...', महाराष्ट्र में MVA गठबंधन पर पीएम मोदी का अटैक
पेट की समस्याओं से बचने के लिए अपनाएं ये 5 आदतें, रहेंगे हेल्दी और फिट
IPL 2025: मेगा ऑक्शन से पहले KKR ने किया नए कप्तान का ऐलान? नाम जानकर उड़ जाएंगे होश
कुंडली में इस ग्रह के कमजोर होने से बार-बार आता है गुस्सा, इन उपाय को आजमाकर कर सकते हैं मजबूत
Donald Trump ने तैयार किया शांति बहाली का प्रस्ताव, खत्म होगा Israel-Hamas संघर्ष?
Singham Again के इस रोल पर बनेगी फिल्म, Rohit Shetty ने किया खुलासा
पोषक तत्वों का पावरहाउस है मूंगफली, चमत्कारी फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान
इस देश के लोग नहीं करते इंटरनेट का इस्तेमाल
आपके घर में हैं लकड़ी का मंदिर तो इन नियमों का रखें ध्यान, प्राप्त होगी भगवान की कृपा
Reverse Walking: साधारण टहलने की बजाय शुरू कर दें रिवर्स वॉकिंग, जानें उल्टा चलने के जबरदस्त फायदे
Bihar: बेवफा पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर रचा खूनी षड्यंत्र, कई बार पति को स्कॉर्पियो कार से रौंदा
Shah Rukh Khan से पहले ये स्टार्स भी छोड़ चुके हैं स्मोकिंग, एक तो था चेन स्मोकर
UP: इंटरव्यू के लिए सिलवाने जा रहे थे कपड़े... तेज रफ्तार कार चालक ने मामूली कहासुनी पर घोंपा चाकू
Uric Acid: इन 3 पत्तों से बनी चटनी साफ कर देगी यूरिक एसिड, ऐसे करें तैयार
डायबिटीज मरीजों के लिए चीनी से भी ज्यादा फायदेमंद है कोकोनट शुगर, खाने से मिलेंगे कई लाभ
Shah Rukh Khan को धमकी देने वाला शख्स गिरफ्तार, पुलिस कर रही पूछताछ
Akhilesh Yadav ने फिर किया दावा, 'जाने वाली है CM Yogi Adityanath की कुर्सी'
Rajasthan: गैंगरेप के बाद शर्मिंदगी ने तोड़ी महिला की हिम्मत, फांसी लगाकर की आत्महत्या
Rupali Ganguly ने सौतेली बेटी के खिलाफ लिया एक्शन, Anupamaa ने भेजा लीगल नोटिस, जानें वजह
UP Crime News: कपड़े सुखाने को लेकर खूनी संघर्ष, पिता ने की बेरहमी से बेटे की हत्या
DMRC ने लॉन्च की बाइक टैक्सी सेवा, महिला यात्रियों के लिए होंगे खास इंतजाम, यहां पढ़ें पूरी डीटेल्स
ICAI CA इंटर और फाउंडेशन जनवरी परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, यूं करें अप्लाई
19 साल बाद छोटे पर्दे पर फिर आ रहा Shaktiman, Mukesh Khanna को देख खुशी से झूम उठे 90s किड्स
कनाडा में बड़े बवाल की आशंका, खालिस्तानियों के एक्टिव होने से टले हिन्दू मंदिरों के कार्यक्रम
UPSC IFS Mains Admit Card 2024 14 नवंबर को होगा जारी, जानें एग्जाम पैटर्न समेत सारे डिटेल्स
Chapped Lips Remedy: फटे होंठ 10 मिनट में हो जाएंगे सॉफ्ट और पिंक, घर में बनाकर रख लें ये लिप बाम
इस उम्र के लोग पीते हैं सबसे ज्यादा सिगरेट, जानें इसके पीछे का कारण
US: Donald Trump की जीत पर बौखलाया शख्स, पत्नी-दो बच्चों को मारी गोली, खुद की भी ली जान