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Intolerance पर बोले जावेद अख्तर, 'आज शोले लिखनी होती तो नहीं लिख पाते मंदिर वाला सीन', भड़ गए लोग

बॉलीवुड के जाने माने फिल्म मेकर और लेखक जावेद अख्तर(Javed Akhtar) ने हाल ही में राज ठाकरे दीपोत्सव में हिंदुओं को लेकर बात की है. हालांकि लोगों को उनका ये बयान पसंद नहीं आया है.

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Intolerance पर बोले जावेद अख्तर, 'आज शोले लिखनी होती तो नहीं लिख पाते मंदिर वाला सीन', भड़ गए लोग

Javed Akhtar

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डीएनए हिंदी: बॉलीवुड के जाने माने फिल्म मेकर और लेखक जावेद अख्तर(Javed Akhtar) हमेशा ही खबरों में बने रहते हैं. वह अक्सर ही अपने बयानों को लेकर लोगों की चर्चा का विषय बने रहते हैं. हाल ही में दिवाली के मौके पर जावेद अख्तर ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इस दौरान उनके साथ सलमान खान(Salman Khan) के पिता सलीम खान(Salim Khan)भी मौजूद थे और एक्टर रितेश देशमुख(Riteish Deshmukh) भी नजर आए थे. जावेद अख्तर ने कार्यक्रम के दौरान हिंदुओं को लेकर बात की है और उन्होंने इस दौरान जय श्री राम के भी नारे लगाए हैं. उन्होंने भारतीय संस्कृति और भगवान राम और माता सीता को इस देश की विरासत बताया है. इस दौरान उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है और लोगों को काफी पसंद आ रहा है. 

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो एएनआई के द्वारा शेयर किया गया है. यह वीडियो जावेद अख्तर के राज ठाकरे के दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने का है. उन्होंने इस दौरान हिंदुओं को लेकर अपने विचार शेयर किए हैं. जावेद अख्तर लोगों के सामने कहते हुए नजर आ रहे हैं कि मैं ये पहले भी कई बार कह चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं. उन्होंने कहा कि शोले में जो हेमा मालिनी का मंदिर वाला सीन होता है, जहां मूर्ति के पीछे धर्मेंद्र जी खड़े होते हैं, मैं उस सीन को कभी भी नहीं लिखता. इसके बाद वो सलीम जी की ओर इशारा करते हैं और कहते हैं कि ये भी नहीं लिखते. उन्होंने कहा कि आज इसपर तमाशा हो जाए, और ये फिल्म अकेले नहीं है. फिल्म संजोग में ओम प्रकाश जी ने कृष्ण सुदामा की कहानी फिल्मी गानों में सुनाई थी. आज सुना कर देखो. उन्होंने कहा वक्त से इनटोलरेंस बढ़ गया है. जो कि अच्छी बात नहीं है.

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हिंदुओं को लेकर बोले जावेद अख्तर

उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग होते हैं, जिनमें हमेशा से ही इनटोलरेंस होता है. लेकिन हिन्दू ऐसे नहीं थे. उन्होंने कहा कि हिंदू हमेशा से ही विशाल रहा है और हिंदुओं के दिलों में हमेशा से एक विशालता रही है और अगर आप इसे खत्म कर देंगे तो आप भी दूसरों की तरह हो जाएंगे. जावेद ने कहा कि हिंदुओं से उन्होंने जीना सीखा है. आप देखिए कि हिंदुस्तान में डेमोक्रेसी है, लेकिन यहां से लेकर मेजिट्रेरियन कोस तक डेमोक्रेसी नहीं है. वहां, क्यों नहीं है, यहां क्यों है. क्योंकि यहां हजारों साल तक हमने एक बात मानी है एक आदमी ये भी सोच सकता है और दूसरा आदमी कुछ और सोच सकता है. उन्होंने आगे कहा कि अगर आप एक मूर्ति पूजा करते हैं, तो भी हिंदू हैं, नहीं करते हैं तो भी हिंदू हैं. ये हिंदू कल्चर है और इसलिए यहां डेमोक्रेसी है. ये सोचना कि आप गलत हैं हम सही है ये हिंदुओं का काम नहीं है, जो सीखाए वो गलत है. 

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लोगों ने जावेद की बातों पर उठाए सवाल

इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों को जावेद अख्तर की बातें कुछ खास सही नहीं लगी हैं. कुछ लोग उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं तो कुछ लोग उनकी इन बातों का विरोध कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा- अब जावेद अख्तर हिंदुओं से सहिष्णु होने के लिए कह रहे हैं ताकि वह और उनके बॉलीवुड दोस्त वापस जा सके और बिना किसी नाराजगी या हिंदुओं के बहिष्कार के फिर से हिंदू विरोधी फिल्में बनाना शुरू कर सकें. उन्होंने कभी अपने ही समुदाय को सहिष्णु होने, उदार और बड़े दिल वाले बनने का उपदेश क्यों नहीं दिया? और फिर भी वे केवल हिंदुओं को सहिष्णु होने के लिए कह रहे हैं, अपने स्वयं के असहिष्णु समुदाय को नहीं. वहीं, एक और यूजर ने कहा - खिलाफत स्थापित होने तक हिंदुओं को और भी अधिक सहिष्णु और समझदार बनने के लिए कहना, अगर वहां कोई हिंदू उनकी बात सुन रहा है तो यह शर्म की बात है.

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