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Type 3 Diabetes: ब्रेन से जुड़ी है टाइप 3 डायबिटीज, जानिए इसके खतरे

What is Type 3 Diabetes: डायबिटीज टाइप 1 और 2 (Type 1 and 2 Diabetes) के बारे में तो आप जानते होंगे लेकिन क्‍या 'टाइप 3 डायबिटीज' (Type 3 Diabetes) के बारे में सुना है. ये बेहद खतरनाक होती है और मेंटल हेल्‍थ (Mental health) से जुड़ी होती है. इसका असर ब्रेन (Brain) पर होता है.

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Type 3 Diabetes: ब्रेन से जुड़ी है टाइप 3 डायबिटीज, जानिए इसके खतरे


ब्रेन से जुड़ी है टाइप 3 डायबिटीज

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डीएनए हिंदी: टाइप 3 डायबिटीज सबसे घातक मानी जाती है. ये न केवल ब्लड बल्कि दिमाग की नसों को भी प्रभावित करती है. अल्‍जाइमर जैसी बीमारी का सबसे बड़ा कारण यही डायबिटीज बनता है. हालांकि ये क्‍योरेबल यानी इलाज योग्‍य होती है अगर समय पर इसे पहचाना जाए. इसे कंट्रोल किया जा सकता है यद‍ि एक्‍सरसाइज, डाइट, ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग जारी रखी जाए. 

डायबिटीज वो बीमारी है कई बीमारियों की वजह बनती है. डाइप 1 डायबिटीज आटो इम्‍युन बीमारी है और टाइप 2  डायबिटीज में  लाइफस्‍टाइल और खराब खानपान की वजह से इंसुलिन रजिस्टेंस पैदा हो जाता है. लेकिन ये टाइप 3 डायबिटीज क्‍या है, चलिए इसके बारे में विस्‍तार से जानें. 


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क्या है टाइप 3 डायबिटीज?
अल्जाइमर डिजीज के लिए ‘टाइप 3 डायबिटीज’ यूज होता है. मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक जब इंसुलिन रजिस्टेंस दिमाग में अमाइलॉइड प्लेक्स, सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव का कारण टाइप 3 डायबिटीज होती है. इस बीमारी को अल्जाइमर की श्रेणी में ही रखा जाता है. आमतौर पर इस बीमारी के चलते मेमोरी पर गहरा असर पड़ता है. भले सुनने में ये बीमारी सामान्‍य लगे लेकिन समय रहते इलाज न कराने पर यह बेहद घातक भी साबित हो सकती है.

टाइप 3 डायबिटीज के लक्षण

  • मेमोरी लॉस जब आपके रोज के काम को इफेक्‍ट करने लगे
  • प्‍लानिंग या सोचने की क्षमता कम होने लगे
  • काम करने में दिक्‍कत हो या रूटीन काम प्रभावित हो रहा हो
  • किसी से मिलने की जगह बार-बार भूल जाना
  • किसी एक विषय पर अपनी राय ना बना पाना
  • सामाजिक और आर्थिक कार्यों के प्रति कम होती रुचि
  • मूड में अचनाक बदलाव होना

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टाइप 3 डायबिटीज से बचने के तरीके
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग की रिपोर्ट बताती है कि अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं या नहीं भी हैं तो भी आपको रोज 45 मिनट की एक्‍सरसाइज करनी चाहिए. साथ ही ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग, कॉग्निटिव ट्रेनिंग से इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है.

टाइप 3 डायबिटीज की रोकथाम का खाने-पीने को लेकर कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के अनुसार अगर वेट कंट्रोल रहे और फिजिकल एक्टिविटी से इंसुलिन रजिस्टेंस और प्री-डायबिटीज को रोकने में मदद मिल सकती है. वैज्ञानिकों ने अल्जाइमर रोग से बचने के लिए किसी भी रणनीति की प्रभावशीलता को साबित नहीं किया है. हालांकि ब्लड शुगर को कंट्रोल रखकर फायदा मिल सकता है.
 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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