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Blood Sugar Remedy: हाई ब्लड शुगर में खाना शुरू करें इस पेड़ की हरी पत्तियां और फलियां, जादुई तरीके से डायबिटीज होगा कंट्रोल

डायबिटीज को कंट्रोल करना आसान नहीं होता है लेकिन एक ऐसा आयुर्वेदिक पेड़ है जिसकी पत्तियों से लेकर उसकी फली और तना तक में इंसुलिन जैसा हार्मोन भरा है.

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Blood Sugar Remedy: हाई ब्लड शुगर में खाना शुरू करें इस पेड़ की हरी पत्तियां और फलियां, जादुई तरीके से डायबिटीज होगा कंट्रोल

Blood Sugar Remedy: हाई ब्लड शुगर में खाना शुरू करें इस पेड़ की हरी पत्तिंया और फलियां

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डीएनए हिंदीः डायबिटीज (Diabetes) में जरा सी खानपान में गड़बड़ी हो जाए तो ब्लड में ग्लूकोज (Blood Glucose) का लेवल हाई होने लगता है. ब्लड शुगर (Blood Sugar Diet) को डाइट से ही कंट्रोल भी रखा जा सकता है. आज आपको एक ऐसे  पेड़ के बारे में जानकारी देंगे जो नेचुरली ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में कागर र्है. इस पत्तियां से लेकर फली तक की सब्जी बना कर आप खाएं या जूस पीएं, ये स्वादिष्ह ही लगती है.

आयुर्वेद में डायबिटीज मारक के नाम से इसे जाना जाता है और ये पेड़ है सहजन का. अगर आप डायबिटीज में इसकी पत्तियां को चबा लें या इसकी फलियों की सब्जियां खाना शुरू कर दें तो आपको ब्लड शुगर लेवल आसानी से कंट्रोल रह सकता है. मोरिंगा यानी सहजन की पत्तिंया  और फली हाई रफेज से भरी होती हैं और इसका जीआई  इंडेक्स भी काफी कम होता है. 

डायबिटीज में सुपरफूड है मोरिंगा
ड्रमस्टिक यानी सहजन का सदियों से इसके औषधीय गुणों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. तना, पत्तियां, छाल, फूल और फल सब में नेचुरल इंसुलिन का गुण भरा होता है. यही नहीं ये ब्लड में थक्के बनने, इसके गाढ़ेपन और नसों में वसा जमने में भी ये बहुत कारगर होता है. मोरिंगा में एंटीफंगल होने के साथ ही एंटीवायरल, एंटीडिप्रेसेंट और एंटी.इंफ्लेमेटरी गुणों से भरा होता है. आवश्यक खनिजों से भरपूर सहजन  कैल्शियम का भी रिच सोर्स है. पोटेशियम, जिंक, मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर, फॉस्फोरस जैसे आवश्यक तत्व शरीर को अंदर से निरोगी बनाते हैं. 

ब्लड शुगर लेवल पर असर!
मोरिंगा के पत्तों में क्वार्सेटिन होता है जो एक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो रक्तचाप को कम करने  के साथ ही इंसुलिन के उत्पादन को भी बढ़ाता है. एंटीऑक्सीडेंट क्लोरोजेनिक एसिड होता है जो रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करता है. मोरिंगा में पाया जाने वाला क्लोरोजेनिक एसिड शरीर की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है और इंसुलिन को भी प्रभावित कर सकता है.

मोरिंगा के एंटीबायोटिक और जीवाणुरोधी गुण कब्ज, गैस्ट्राइटिस और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे पाचन विकारों को रोकने में भी मदद करते हैं.

मोरिंगा को आहार में कैसे शामिल करें?
आप मोरिंगा के पत्तों और बीजों का सेवन तीन अलग-अलग तरीकों से कर सकते हैं- कच्चे पत्ते, पाउडर या जूस. आप गर्म पानी में मोरिंगा की कुछ पत्तियों को डालकर उबाल सकते हैं. स्वाद के लिए नींबू मिलाएं. आप इसका चाय के रूप में आनंद ले सकते हैं. वहीं मोरिंगा को सूप या करी में डाला जा सकता है. इसके अलावा आप की फलियों की सब्जिी बना लें. चाहें तो इसकी पत्तियों का पराठा भी खा सकते हैं. 

कितना लें मोरिंगा का पाउडर
मोरिंगा की खुराक नियमित रूप से एक चम्मच होनी चाहिए जो 2 ग्राम के बराबर होती है

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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