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AIIMS के डॉक्टरों ने किया कमाल, एशिया में सबसे कम उम्र की बच्ची की सर्वाइकल स्पाइन फिक्सेशन सर्जरी कर दी नई जिंदगी

15 घंटे तक सर्जरी ऑपरेशन कर एम्स के डॉक्टरों ने बच्ची के मेटल फ्री स्पाइन में पाई. एशिया में पहली बार छह माह के बच्चे की फ्री स्पाइन फिक्सेशन सर्जरी की गई.

AIIMS के डॉक्टरों ने किया कमाल, एशिया में सबसे कम उम्र की बच्ची की सर्वाइकल स्पाइन फिक्सेशन सर्जरी कर दी नई जिंदगी
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डीएनए हिंदी: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के डॉक्टरों ने छह माह की एक बच्ची की उसकी मां के अस्थि निरोपण का इस्तेमाल कर मेटल-फ्री स्पाइन फिक्सेशन की. कुछ घंटों तक चली इस सर्जरी के बाद बच्ची स्वस्थ हो गई है. साथ ही मेटल फ्री स्पाइन सर्जरी कराने वाला यह एशिया का सबसे कम उम्र का बच्चा बन गया है. 

15 घंटे तक चला ऑपरेशन

छह माह की बच्ची की सर्जरी में सफलता पाने वाले एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि पिछले साल 10 जून को बच्ची की सर्जरी की गई. यह आॅपरेशन 15 घंटे तक चला. इसके बाद 11 महीने तक बच्ची को वेंटीलेटर पर रखा गया. इसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ है. 

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जन्म के दौरान बच्ची की रीढ़ की हड्डी में लगी थी चोट 

एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया कि मां ने बच्ची को एक प्राइवेट अस्पताल में जन्म दिया था. प्रसव के दौरान ही बच्ची की रीढ़ की हड्डी और ब्रेकियल प्लेक्सस में चोट लग गई थी. जन्म के समय उसका वजन 4.5 किलोग्राम था. जन्म के बाद बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया और उसे एस्पिरेशन निमोनिया से पीड़ित बताया गया था. ‘‘मई 2022 में बच्ची को पांच महीने की उम्र में एम्स में भर्ती कराया गया. उस समय बच्ची की श्वसन प्रणाली खराब भी हो गई थी. डॉक्टरों की जांच में पता चला कि बच्ची की रीढ़ की हड्डी में चोट है. साथ ही ग्रीवा रीढ़ अपनी जगह से हट गई है. उन्होंने कहा, ‘‘इतने छोटे बच्चों की रीढ़ की हड्डी का मेटल प्रतिरोपण लगभग असंभव था.

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मां ने बच्ची को दिया हड्डी का टुकड़ा

डॉक्टरों के अनुसार, मां ने अपनी इलियाक क्रेस्ट हड्डी का एक हिस्सा अपनी बच्ची को देने पर सहमति जतायी.’’ उन्होंने बताया कि इतनी कम उम्र में ज्यादातर हड्डियां नरम और आकार में इतनी छोटी होती हैं कि इन्हें मेटल स्क्रू या रॉड से ठीक नहीं किया जा सकता. बच्ची और मां की सर्जरी एक साथ की गयी. साथ ही दिलचस्प बात यह है कि मां का ब्लड ग्रुप बी पॉजीटिव है और शिशु का ए पॉजीटिव है, लेकिन अस्थि निरोपण में कोई दिक्कत नहीं आई है. डॉ. गुप्ता ने कहा, ‘‘अब तक प्रकाशित जानकारी के अनुसार यह एशिया का सबसे कम उम्र का और दुनिया का दूसरा सबसे कम उम्र का बच्चा है जिसकी सर्वाइकल स्पाइन फिक्सेशन सर्जरी हुई है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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