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AAP के उभार से BJP की राह आसान, कांग्रेस के लिए चुनौती, क्या गोवा-उत्तराखंड होगा रिपीट?

आम आदमी पार्टी की एंट्री ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात में सियासी समीकरण बदल दिए हैं. अब त्रिकोणीय मुकाबले होने के आसार हैं.

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AAP के उभार से BJP की राह आसान, कांग्रेस के लिए चुनौती, क्या गोवा-उत्तराखंड होगा रिपीट?

दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: 19 अक्तूबर को कांग्रेस (Congress) को नया अध्यक्ष मिल जाएगा. नए अध्यक्ष के नेतृत्व में गुजरात (Gujarat) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) का चुनाव लड़ा जाना है. इन दोनों राज्यों में आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री से सालों बाद मामला त्रिकोणीय बनने जा रहा है.

2022 की शुरुआत में गोवा (Goa) और उत्तराखंड (Uttarakhand) के चुनाव नतीजे बताते हैं कि कैसे बढ़ती हुई AAP, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए रास्ता आसान करती जा रही है, वहीं कांग्रेस के लिए समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं.

उत्तराखंड में जीत का अंतर 6.5%, AAP को मिले 3.3 फीसदी वोट

साल 2022 की शुरुआत में 4 चुनावों में से कांग्रेस (Congress) को पंजाब, गोवा, उत्तराखंड में उम्मीद थी. उत्तराखंड में सत्ता हर पांच साल में अलटती पलटती रहती है. बीजेपी (BJP) ने बीते 5 साल में तीन मुख्यमंत्री बदले थे. बीजेपी बैकफुट पर भी थी. सभी चुनावी पोल के दौरान दोनों पार्टियों को बराबर टक्कर का बताया जा रहा था लेकिन AAP के आने से सत्ता विरोधी वोट (Anti-Incumbency) बंट गया. साल 2017 में बीजेपी और कांग्रेस के वोट प्रतिशत में अंतर 6.5 प्रतिशत का था. वहीं AAP ने 2022 के चुनावों में 3.3 % वोट पाए.

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गोवा में जीत का अंतर 10%, AAP को मिले 6.8% वोट

साल 2017 में गोवा में कांग्रेस की बीजेपी से सीटें तो ज्यादा आई थी लेकिन वोट शेयर बीजेपी से कम था. बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोट शेयर में 4.2% का अंतर था. वहीं साल 2022 में ये अंतर बढ़कर 10% हो गया.

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साल 2012 में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 28.7% था जो साल 2022 में कम होकर 23.7% रह गए. इसी बीच साल 2022 में आम आदमी पार्टी(AAP) को सत्ता विरोधी 6.8% वोट मिले. 2017 में गुजरात में जीत का अंतर 7.8% पिछले गुजरात चुनाव में बहुत जोरदार मुकाबला हुआ था.

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कांग्रेस ने पिछले कई सालों से बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन फिर बीजेपी को सत्ता से बाहर नहीं कर पाए. साल 2017 में कांग्रेस को 42.20% फीसदी वोट और 77 सीटें मिली थी. दोनों दलों के बीच 7.8 प्रतिशत का अंतर रह गया है. प्रधानमंत्री मोदी के दिल्ली जाने के बाद गुजरात में बीजेपी का पहला चुनाव था.



साल 2021 में बीजेपी ने विजय रूपाणी को हटाकर भूपेन्द्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया. सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए सारे कैबिनेट मंत्रियों को बदल दिया गया. जातिगत समीकरण साधते हुए पाटीदार समुदाय को 7 और ओबीसी को 6 मंत्री पद मिले थे.

सितंबर 2021 में हुए नगर निगम चुनाव में सूरत में आप के 27 पार्षद जीत के आए थे. हालांकि इनमें से 5 बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस बार AAP का चुनावी कैंपेन भी जोर पकड़ रहा है.

2017 में हिमाचल प्रदेश में जीत का अंतर 7.1%

हिमाचल प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सत्ता की अदला-बदली चलती रही है. ऐसे में सत्ता से बाहर कांग्रेस वापसी की उम्मीद लगाए हुए हैं. पिछले चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच 7.1% वोट का अंतर रहा है.

आम आदमी पार्टी के पंजाब में बंपर जीत के बाद से हौसले बुलंद है. पार्टी को पंजाब से लगती सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद भी है. इसके अलावा पार्टी की बागियों पर भी नजर है. ऐसे में आम आदमी पार्टी कुछ सीटों के नतीजों को सीधे सीधे जरुर प्रभावित करेगी.

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