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Bhima Koregaon violence: ढाई साल बाद जेल से बाहर आएंगे वरवरा राव, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद केस में ED की एंट्री

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आज दो अहम फैसले हुए हैं जिसके चलते सियासत भी गर्म हो सकती है. हालांकि वरवरा राव को आज ढाई साल बाद जमानत भी मिल गई है.

Bhima Koregaon violence: ढाई साल बाद जेल से बाहर आएंगे वरवरा राव, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद केस में ED की एंट्री
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डीएनए हिंदी: Bhima Koregaon violence केस में आज का दिन बेहद अहम रहा है. इस केस के कथित मुख्य आरोपी वरवरा राव (Varvara Rao) पिछले ढाई साल से बंद थे लेकिन आज NIA की लाख कोशिशों के बावजूद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उन्हें जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट की इस राहत के बाद वे ढाई साल बाद जेल से बाहर आएंगे. वहीं अब इस केस में आज प्रवर्तन निदेशालय की भी एंट्री हो गई है और केंद्रीय जांच एजेंसी ने आज इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नियमित जमानत दे दी है. खास बात यह है कि NIA के कड़े विरोध के बावजूद कोर्ट ने जमानत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो 82 साल के हैं और ढाई साल तक हिरासत में रहे हैं. वरवरा को बीमारियां भी हैं, जो काफी वक्त से ठीक नहीं हैं. ऐसे में वे मेडिकल जमानत के हकदार हैं.

जमानत के साथ शर्तें

गौरतलब है कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल हुई है लेकिन कई आरोपी पकड़े नहीं गए हैं. कई आरोपियों की आरोपमुक्त करने की अर्जियां लंबित हैं. ऐसे में वरवरा राव की जमानत उनके लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है. हालांकि जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी शर्त भी रख दी है जिसके तहत वह ट्रायल कोर्ट की मंजूरी के बिना शहर न छोड़ें.

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ईडी की भी हुई एंट्री

सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के तहत वे गवाहों से संपर्क करने की कोशिश नहीं कर सकेंगे. आपको बता दें कि वरवरा राव को 28 अगस्त 2018 को हैदराबाद से अरेस्ट किया गया था. वरवरा पर भीमा-कोरेगांव कांड में कई गंभीर आरोप लगे हैं. एक तरफ जहां इस केस में वरवरा राव को जमानत मिली है तो दूसरी ओर आज इस केस में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ईडी ने एल्गर परिषद और भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है. ऐसे में अब यह केस पहले से अधिक पेचीदा हो सकता है और इससे जुड़े सभी आरोपियों की मुसीबतें भी बढ़ सकती है.

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गौरतलब है 2018 में महाराष्ट्र के भीमाकोरेगांव में हुई हिंसा को लेकर कवि वरावर राव पर कई गंभीर आरोप लगे थे जिसके बाद एनआईए ने उन्हें हैदराबाद से गिरफ्तार किया था और अब यह मामला ईडी के भी रडार में आ गया है. 

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