Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

MP में सेना की स्पेशल ट्रेन उड़ाने की साजिश के पीछे किसका हाथ?, जांच में जुटी NIA, धमाके की आवाज सुन लगाया ब्रेक

पिछले कई दिनों से देश में ट्रेनों को डिरेल करने की कई नाकाम कोशिशें की गई हैं. ताजा मामले में भारतीय सेना की स्पेशल ट्रेन को उड़ाने की शाजिश की गई. जांच एजेंसियां मामले की जांच में जुटी हुई हैं.

Latest News
MP में सेना की स्पेशल ट्रेन उड़ाने की साजिश के पीछे किसका हाथ?, जांच में जुटी NIA, धमाके की आवाज सुन लगाया ब्रेक
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

बीते दिनों देश में कई जगहों से ट्रेन डिरेल करने की घटनाएं सामने आई हैं. ताजा मामले में सीधे सेना की स्पेशल ट्रेन को निशाना बनाया गया है. घटना 18 सितंबर मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के नेपानगर इलाके की है. इस घटना के बाद से जवानों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. 

वहीं इस घटना की पीछे की वजह क्या है और सच में किसी बड़ी साजिश को अंजाम दिया जा रहा था तो इसके पीछे किसका हाथ है. इसकी जांच में NIA के साथ GRP की टीमें जुटी हुई हैं. उनका कहना है कि जल्द ही इस घटना से सबंधित लोगों को हिरासत में लेकर सच का पता लगाएंगे. 

दरअसल बुरहानपुर जिले से गुजर रहे दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर बीते 18 सितंबर को जम्मु कश्मीर से कर्नाटक सेना की स्पेशल ट्रेन गुजर रही थी.  रेलवे ट्रैक पर 10 मीटर की दूरी में पटाखे जैसी तेज आवाज करने वाले 10 डेटोनेटर लगा हुए थे. जब इनके ऊपर से आर्मी की स्पेशल ट्रेन गुजरी तो डेटोनेटर फटने से तेज आवाज हुई.

ये आवाज सुन लोकोपायलट ने ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक अप्लाई कर दिए. हालांकि मौके पर मौजूद ड्राइवर को ट्रेन में किसी तरह का खतरा नजर नहीं आने और ट्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने के बाद इस ट्रेन को रवाना कर दिया गया. फिलहाल इस घटना में किसी भी तरह की हानी की खबर नहीं है. 


यह भी पढ़े-  अरविंद केजरीवाल से कितनी अलग है आतिशी सरकार? यहां जानिए दिल्ली सरकार में हुए बड़े बदलाव


सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ डॉक्टर स्वप्निल नीला ने इस घटना की पुष्टी की है, वहीं मामला सेना से जुड़ा हुआ है इसलिए इसे गोपनीय रखा जा रहा है.  शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह डेटोनेटर रेलवे ने नहीं बल्कि अज्ञात लोगों ने लगाए थे. जिनका मकसद आर्मी ट्रेन को किसी न किसी रूप में नुकसान पहुंचाने का था. बताया जा रहा है कि ये डोनेटर एक्सपायर थे, इसलिए नुकसान नहीं हुआ. 

बता दे कि डोनेटर का इस्तमाल रेलवे द्वारा अधिक कोहरा होने के समय किया जाता है. जब किसी ट्रेन को इमरजेंसी में रोकना होता है तो जिस जगह पर रोकना है वहां से 1200 मीटर पहले डोनेटर लगाए जाते हैं. लेकिन इस घटना में तो 10 मीटर पहले ही डोनेटर लगे हुए थे. मध्य प्रदेश पुलिस भी मामले की जांच में जुटी हुई हैं. 

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement