Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

'यौन इच्छाओं को नियंत्रण में रखें लड़कियां,' हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बंगाल सरकार

पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है...

Latest News
'यौन इच्छाओं को नियंत्रण में रखें लड़कियां,' हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बंगाल सरकार

सुप्रीम कोर्ट (File Photo) 

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट में एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर एक बार फिर सुनवाई हुई. इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उन्होंने भी कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें हाईकोर्ट ने लड़कियों से उनकी यौन इच्छा पर नियंत्रण रखने की सलाह दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा अक्टूबर में दिए गए एक आदेश पर स्वत: संज्ञान लिया था. यह मामला गुरुवार को न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया. 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देते हुए एक अपील दायर की है, जिसमें लड़कियों को यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने और युवाओं को महिलाओं का सम्मान करने के लिए खुद को प्रशिक्षित करने की सलाह दी गई है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की और बीती 8 दिसंबर को हाईकोर्ट के इस फैसले की आलोचना की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इन टिप्पणियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि ये टिप्पणी बेहद आपत्तिजनक और गैर जरूरी है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में पकड़ा गया 10 लाख का इनामी आतंकी, Republic Day से पहले सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता 

सुप्रीम कोर्ट ने जजों को लेकर कही थी यह बात 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि न्यायाधीशों से निर्णय लिखते समय उपदेश देने की अपेक्षा नहीं की जाती है. जजों को अपनी निजी राय व्यक्त नहीं करना चाहिए. ऐसा आदेश किशोर वय अधिकारों का हनन है. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि दोषियों को बरी करना भी पहली निगाह में उचित नहीं जान पड़ता है.सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जस्टिस अभय एस ओक की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले में सुनवाई की.

ये भी पढ़ें: I.N.D.I.A ब्लॉक के कनवेनर का नाम तय करने वाली बैठक टली, क्या नीतीश को फिर झटका दे रहे विपक्षी दल?

जानिए पूरा मामला 

कलकत्ता हाईकोर्ट ने अक्टूबर में एक मामले की सुनवाई के दौरान नाबालिग लड़कियों पर टिप्पणी की थी. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था कि नाबालिग लड़कियों को दो मिनट के मजे की जगह अपनी यौन इच्छाओं पर कंट्रोल रखना चाहिए और नाबालिग लड़कों को युवा लड़कियों और महिलाओं और उनकी गरिमा का करना चाहिए. जब वह जब वह बमुश्किल दो मिनट के यौन सुख का आनंद लेने के लिए तैयार हो जाती है तो समाज में वह हारी हुई होती है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement