Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Delhi Flood: 'सोने के लिए तिरपाल, खाने में 1 पैकेट दूध', बाढ़ पीड़ितों का छलका दर्द, बोले नहीं मिल रही मदद

Delhi Floods News: यमुना पुल के नीचे डूबी हुई झुग्गी की ओर इशारा करते हुए 39 वर्षीय महिला सीमा ने दुख जताया और बताया कि कैसे उसकी 20 साल की मेहनत सिर्फ तीन दिनों में बेकार हो गई.

Delhi Flood: 'सोने के लिए तिरपाल, खाने में 1 पैकेट दूध', बाढ़ पीड़ितों का छलका दर्द, बोले नहीं मिल रही मदद

delhi flood

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बाढ़ की वजह से हालात खराब हैं. मयूर विहार और पुराना यमुना पुल के आसपास के इलाके में बाढ़ से प्रभावित झुग्गी-झोपड़ी के बहुत से लोग सिर्फ तिरपाल डालकर खुले में सोने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं उन्हें खुले में शौच करना पड़ रहा है. निचले इलाकों में बाढ़ के पानी में जलमग्न हुई झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले इन लोगों ने दावा किया कि उन्हें पहले से सतर्क नहीं किया गया, जबकि कई अन्य लोगों का आरोप है कि इस वक्त भी उन्हें प्रशासन से मदद नहीं मिल रही है.

यमुना पुल के नीचे डूबी हुई झुग्गी की ओर इशारा करते हुए 39 वर्षीय महिला सीमा ने दुख जताया और बताया कि कैसे उसकी 20 साल की मेहनत सिर्फ तीन दिनों में बेकार हो गई. सीमा ने रोते हुए कहा, ‘मैं पिछले 20 वर्षों से घरों में जा-जाकर काम कर रही हूं और अपनी कमाई का एक-एक पैसा अपने घर और अपने बच्चों पर खर्च करती हूं. 20 साल का प्रयास और कड़ी मेहनत सिर्फ तीन दिनों में बेकार हो गई.’ सीमा ने दावा किया कि उन्हें सरकार की तरफ से प्लास्टिक की तिरपाल और दूध के एक पैकेट के अलावा कोई और मदद नहीं मिली. उन्होंने कहा कि यमुना के बढ़ते जल स्तर के बारे में भी उन्हें पहले से सतर्क नहीं किया गया था.

ये भी पढ़ें- खुल गया यमुना बैंक मेट्रो, घट रहा यमुना का पानी, पढ़ें दिल्ली का हाल  

पूरी बस्ती डूब गई, प्रशासन ने नहीं पहले जानकारी
सीमा ने बताया, ‘अतीत में पुलिस हमें बाढ़ आने से पहले ही सचेत कर दिया करती थी, लेकिन इस बार किसी ने भी हमें घरों से बाहर निकलने के लिए नहीं कहा और अब पूरी बस्ती पानी में डूब गई है. सरकार कहती बहुत कुछ है लेकिन हमें देती कुछ नहीं. हमें केवल एक तिरपाल और दूध का एक पैकेट मिला है.' उन्होंने कहा कि वह (सरकार के अधिकारी) शनिवार को आए और हमारा नाम लिखा, सारी जानकारी ली, लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार झुग्गीवालों को मकान देने की बात करती है, लेकिन वह हमें यहां से हटाने की कोशिश कर रही है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रभावित लोगों के लिए रविवार को आवास, भोजन, पानी और शौचालयों सहित विशेष राहत उपायों की घोषणा की थी. शनिवार को यमुना के जलस्तर में कमी के संकेत दिखे, लेकिन राहत कार्य थोड़ी देर ही चल पाया क्योंकि देर शाम हुई बारिश के कारण कई सड़कों पर जलभराव की स्थिति फिर से उत्पन्न हो गई. दिल्ली में साल 2013 में आई बाढ़ को याद करते हुए मयूर विहार में यमुना नदी के किनारे रहने वाले 45 वर्षीय अशोक ने सरकार से किसी भी तरह की सहायता ना मिलने का आरोप लगाया. अशोक ने कहा, ‘वर्ष 2013 में भी बाढ़ आई थी, लेकिन उस वक्त हालात इतने बुरे नहे थे.' उन्होंने कहा, ‘पिछले साल भी दिवाली के बाद हमारे घरों में पानी घुस गया था, लेकिन जल्द ही कम भी हो गया. इस बार पानी का स्तर इतना ज्यादा था कि पानी पुल को भी छू गया. सभी झुग्गियां जलमग्न हो गईं हैं और पीने का पानी तक नहीं है. लोगों को सरकार की ओर से ना भोजन, ना राशन और ना ही पानी मुहैया कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें तिरपाल तक नहीं मिला.

ये भी पढ़ें- पहाड़ों पर बारिश से नहीं राहत, उत्तराखंड-हिमाचल के लिए अगले 24 घंटे भारी, IMD का अलर्ट  

अशोक ने कहा कि पानी कम होने के बाद उन्हें वहां (बस्ती) वापस जाना होगा और खुद से सब कुछ ठीक करना होगा. अशोक के विचार से सहमत 50 वर्षीय सुरेश ने आरोप लगाया कि पहले जब भी दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति होती थी, तो उन्हें पहले ही सतर्क कर दिया जाता था और वहां से सुरक्षित स्थान पर भेज दिया जाता था. सुरेश ने दावा किया, ‘इस बार किसी ने भी हमें सचेत नहीं किया. हमें यहां रहते हुए चार दिन हो गए हैं। जब पानी हमारे घरों में घुस गया तो हम लोग अपने साथ बहुत कम सामान लेकर खुद ही वहां से बाहर निकले, किसी ने हमारी मदद नहीं की.’ उन्होंने कहा कि जलमग्न झुग्गियों में कोई फंसा तो नहीं है, इसकी जांच के लिए कल नौकाएं भेजी गई थीं. सुरेश ने कहा कि उन्होंने अपने पैसे से तिरपाल खरीदी और जब पानी का स्तर कम होगा तो उन्हें घर को ठीक करने में हजारों रुपये खर्च करने पड़ेंगे. (इनपुट- भाषा)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement