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दिल्ली की ये खोई हुई नदी अब फिर से आएगी सामने, नाले में समाए हुए इतिहास को छोड़ेगी पीछे

साबी नदी राजस्थान से हरियाणा और दिल्ली से यमुना में आकर मिलती थी. धीमा बहाव और नालों के पानी शामिल होने से नाले में बदल गई थी.

दिल्ली की ये खोई हुई नदी अब फिर से आएगी सामने, नाले में समाए हुए  इतिहास को छोड़ेगी पीछे
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डीएनए हिंदी: 30 सालों में अपनी पहचान खो चुकी साबी नदी को एक बार फिर से अपना रूप मिल सकता है. हम बात कर रहे हैं दिल्ली के नजफगढ़ में अब नाले में बदल चुकी साबी नदी की. यह साबी नदी कभी तीन राज्यों से निकलते हुए यमुना में जाकर मिलती थी, लेकिन अब यह नाला बन चुकी है. इसकी वजह यमुना का क्षेत्र धीरे धीरे बदलना और साबी नदी में बड़े बड़े नालों का पानी आना है.  

दरअसल दिल्ली के नजफगढ़ से निकल रही साबी नदी अब नाले के रूप में पहचानी जाती है. इसमें बड़े बड़े नालों का पानी आता है. इसके चलते इस नदी का प्रवाह भी धीमा पड़ गया और यह नाला बन गई. हालांकि अब जल्द ही साबी नदी को 30 साल पहले लुप्त हुई अपनी पहचान मिल जाएगी. इसका दावा दिल्ली के उपराज्यपाल एलजी वीके सक्सेना ने किया है. वीके सक्सेना ने नजफगढ़ के पास भारत नगर का दौरा किया. यहां उन्होंने साबी नदी की सफाई जायजा लिया. साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही साबी नदी को उसके रूप में लाया जाएगा.   

नाला बन चुकी साबी नदी का ये है स्वरूप

आज नाला बन चुकी साहिबी या साबी नदी का इतिहास बहुत ही पुराना है. साबी नदी का उद्गम राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ के धारा जी मंदिर के पास होता है. यह नदी राजस्थान से हरियाणा और फिर दिल्ली के नजफगढ़ से निकलते हुए युमना में गिरती थी, लेकिन बाद में इसका बहाव बहुत धीमा पड़ गया. वहीं कई बड़े नालों का पानी इसमें आने लगा. इससे नदी का अपना स्वरूप लुप्त होकर नाले में बदल गया. साथ ही इसे नजफगढ़ ड्रेन नाम से पहचान मिल गई। हाल में भी इस नदी में बड़े नालों का पानी इसमें गिरता है जो कि बाद में यमुना में जाकर मिल जाता है.

इस नदी को अपने स्वरूप में लाने के लिए मार्च शुरू हुई थी कवायद

साहिबा नदी या साबी नदी को नाले से अपने स्वरूप में लाने के लिए उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 2024 का लक्ष्य रखा था. उन्होंने मार्च 2022 के बजट सत्र में नजफगढ़ ड्रेन को पुनर्जीवित करने के लिए विस्तृत योजना पर काम शुरू किया था. इस योजना पर 705 करोड़ रुपये का बजट पास किया था. डिप्टी सीएम ने ड्रेन में फ्लोटिंग वेटलैंड और फ्लोटिंग एयरेटर लगाकर पानी को साफ किया जाएगा. साथ ही ड्रेन की सफाई और दोनों तरफ की सड़कों के सौंदर्यीकरण का काम भी शुरू होगा. इसके बाद इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर साहिबी नदी को वापस उसके स्वरूप में लाया जाएगा.

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