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DNA TV Show: हिमाचल और उत्तराखंड में जल प्रलय, जानें 15 अगस्त की सुबह राहत लेकर आएगी या नहीं 

DNA TV Show 14 August: प्रकृति ने एक बार फिर बताया है कि उसके आगे किसी की नहीं चलती है. बारिश इस धरती पर अगर जीवन के लिए जरूरी है  तो यही बारिश अगर रौद्र रुप में बरसे तो तबाही का कारण भी बनती है.

DNA TV Show: हिमाचल और उत्तराखंड में जल प्रलय, जानें 15 अगस्त की सुबह राहत लेकर आएगी या नहीं 

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डीएनए हिंदी: पहाड़ों पर एक बार फिर कुदरत ने बारिश के रूप में कहर बरसाया है. रविवार से ही देश के दो पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भयानक बारिश हो रही है. इस बारिश की वजह से कई इलाकों में लैंड्सस्लाइड और घाटी में बाढ़ जैसी स्थितियां बन गई हैं. हालात ये है कि लोगों को उनके घरों से रेस्क्यू किया जा रहा है ताकि उन्हें बाढ़ या लैंडस्लाइड से बचाकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा सके. तेज बारिश और बादल फटने की घटनाओं की वजह से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अब तक 44 लोगों की मौत हो चुकी हैं. इसमें अकेले हिमाचल प्रदेश में ही 41 लोगों के मारे जाने की खबर है. जिसमें केवल शिमला में ही 9 लोगों की मौत हुई है. हिमाचल के ही मंडी जिले के पास घाटी वाले जितने इलाके हैं वहां पर बाढ़ जैसी स्थितियां बनी हुई हैं. पहाड़ों से उतरा बारिश का पानी घाटी के इलाकों में तबाही मचा रहा है.

हिमाचल प्रदेश में बारिश की वजह से भारी तबाही 
पहाड़ों पर लैंडस्लाइड की एक दुर्घटना सिरमौर में भी हुई. तेज बारिश के बाद पहाड़ों से उतरा पानी, अपने साथ पत्थर और मिट्टी का एक बड़ा हिस्सा लेकर आया था जिसकी वजह से सैलाब के रास्ते में जो भी आया वो तबाह हो गया। घरों को भी नुकसान पहुंचा और गाड़ियों को भी.

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- भीषण बारिश की वजह से शिमला का शिव बावड़ी मंदिर  तबाह हो गया. इस हादसे में 9 लोगों के मारे जाने की खबर है. रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. माना जा रहा है कि सावन का सोमवार होने की वजह से मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु होंगे. ऐसे में कई लोगों के दबे होने के आशंका भी जताई जा रही है. इसलिए यहां पर बड़े पैमाने पर Rescue Opration चलाया जा रहा है.

- हालांकि बारिश के साथ बीच-बीच में पत्थर भी टूटकर नीचे गिर रहे हैं, कई पेड़ भी गिर रहे हैं, जिसकी वजह से रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में SDRF, ITBP, पुलिस और स्थानीय लोग जुटे हुए हैं, JCB मशीनों के जरिए मलबा हटाया जा रहा है. 

आमतौर पर हिमाचल प्रदेश में इस महीने में 11 MM बारिश होती है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि रविवार सुबह साढ़े 8 बजे से लेकर सोमवार सुबह साढ़े 8 बजे तक यानी 24 घंटे में 50.3 MM बारिश हुई है. ये सामान्य से तीन सौ सत्तावन प्रतिशत ज्यादा है. आप इससे समझ सकते हैं कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटे में सामान्य से करीब 5 गुना ज्यादा बारिश हुई थी. यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश में ज्यादा तबाही हुई है.

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यही हाल उत्तराखंड में भी रहा है. यहां पर रविवार सुबह साढ़े 8 बजे से आज सुबह साढ़े 8 बजे तक बावन दशमलव नौ MM बारिश हुई है, जबकि सामान्य तौर पर इस महीने उत्तराखंड में चौदह. 2 MM बारिश होती है. देखा जाए तो उत्तराखंड में 24 घंटे के अदर दो सौ तिहत्तर प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है. यानी सामान्य से करीब 4 गुना ज्यादा बारिश हो गई है. अब आप समझ गए होंगे कि उत्तराखंड में बारिश की वजह से हालात क्यों खराब हुए.

उत्तराखंड और हिमाचल के लिए अलर्ट जारी 
24 घंटे के अंदर इन दोनों पहाड़ी राज्यों में इतनी भीषण बारिश हुई है कि SDRF की टीमों को मैदान में उतरना पड़ा. ये हालात अगले दो दिन भी ऐसी ही बने रह सकते हैं. मौसम विभाग की मानें तो उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के लिए अगले 2 दिन भारी हैं. 14 अगस्त  को बारिश को लेकर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में रेड अलर्ट घोषित किया गया है. 15 अगस्त यानी मंगलवार को हिमाचल प्रदेश को कुछ राहत है, लेकिन उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है. मौसम विभाग का बारिश को लेकर रेड और ऑरेंज अलर्ट घोषित किए जाने का भी अपना एक खास मतलब होता है. रेड अलर्ट का मतलब है बहुत अधिक मात्रा में बारिश हो सकती है, सावधान रहने की जरूरत है, दिशा निर्देशों का पालन किया जाना जरूरी है. ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि तेज बारिश हो सकती है, तैयार रहने की जरूरत है. बारिश से बचने के उपाय किए जाने चाहिए.

सोमवार को वैसे तो पूरे हिमाचल प्रदेश में रेड अलर्ट रहा लेकिन मुख्य रूप से हिमाचल के 7 जिलों में स्थिति बिगड़ने की आशंका है, जिसमें कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर, सोलन, और शिमला शामिल हैं. यहां पर तेज बारिश होने की संभावना है. इसके अलावा चंबा और कुल्लू ऐसे जिले हैं, जहां सोमवार के लिए ऑरेंज अलर्ट है. उत्तराखंड में भी रेड अलर्ट है लेकिन 3 जिलों देहरादून, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढवाल के लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. मौसम विभाग के मुताबिक हरिद्वार, नैनीताल और चंपावत जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट से जुड़ी सावधानियां अपनायी जानी चाहिए. पहाड़ों पर हो रही बारिश ने वहां रहने वाले लोगों को दहशत में डाल दिया है. दरअसल अभी भी बारिश से हालात सामान्य होते नजर नहीं आ रहे हैं. इसलिए अगले दो दिन विशेष सावधानी और तैयारी की जरूरत है.

B.Ed और BTS करने वालों के लिए क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले के बाद अब राजस्थान में लंबे वक़्त से चला आ रहा BTs और B.ed का विवाद ख़त्म हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए, B.Ed वालों को primary Class के बच्चों के पढ़ाने के लिए अयोग्य ठहरा दिया है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई करते हुए साफ़ तौर से कहा कि प्राइमरी क्लास यानी लेवल 1 तक पढ़ाने के लिए BTS यानी deploma करने वाले अभ्यर्थी ही योग्य होंगे. कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि राइट टू एडुकेशन का मतलब क्वालिटी एडुकेशन भी होता है. एक तरह से सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की नीति पर ही मुहर लगा दी है और उसने केंद्र सरकार की तरफ़ से वर्ष 2018 में जारी किए गए नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है. यानी अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राजस्थान में अब प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती के लिए B.Ed वाले apply नहीं कर पाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार पहली से लेकर पांचवी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए ज्ञान के साथ साथ खास तरह की स्किल की भी ज़रूरत होती है. दरअसल इस उम्र के बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं और टीचर्स उनके कैरेक्टर को आकार दे सकें, इसके लिए ज़रूरी है कि टीचर्स बच्चों के मन को समझ सकें, उन्हें ठीक से समझा सकें. BTS या BTC यानी basic traning certificate का कोर्स करने वाले कैंडिडेट्स को खास कर इसी चीज़ की ट्रेनिंग दी जाती है जबकि B.Ed की डिग्री के दौरान छात्रों को सेकेंड्री क्लास और बड़ी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है. ऐसे में कोर्ट का मानना है कि BTS वाले प्राइमरी के बच्चों को अच्छा पढ़ा सकते हैं और इसलिए इस POST पर उनकी ही भर्ती की जानी चाहिए, न कि B.Ed वालों की.

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