Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

गुड न्यूज! बच्चियों के लिए शुरू होने जा रही है 'खास सुविधा', सरकारी अस्पताल में होगा यह काम

DM ने कहा, "अगर अस्पताल से छुट्टी जल्दी हो जाती है, तो माता-पिता दस्तावेज लेने के लिए अस्पताल आ सकते हैं क्योंकि उनके रिकॉर्ड संभालकर रखे जाएंगे." 

गुड न्यूज! बच्चियों के लिए शुरू होने जा रही है 'खास सुविधा', सरकारी अस्पताल में होगा यह काम

Image Credit- dnaindia.com

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: पश्चिमी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाली बच्चियों को शुक्रवार से जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और बैंक खाते के साथ घर भेजा जाएगा. जिला प्रशासन माता-पिता को एक स्मारिका भी उपहार में देगा, जिसमें बच्ची के पैरों के निशान और एक फोटो होगी. जिलाधिकारी (डीएम) चेष्टा यादव ने कहा कि ‘नन्ही परी’ पहल का उद्देश्य माता-पिता को एक ही बार में सारे जरूरी दस्तावेज प्रदान करना है जिससे उन्हें दस्तावेज प्राप्त करने के लिए विभिन्न कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें.

डीएम चेष्टा यादव ने PTI से कहा, "बहुत सारे माता-पिता अपनी बच्ची का आधार और जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए इधर-उधर भागते हैं. हम दस्तावेज़ बनाने वाली तंत्र का विकेंद्रीकरण करना चाहते थे ताकि उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े."

पढ़ें- IMD Weather Forecast: दिल्ली-NCR के लिए बुरी खबर! मौसम विभाग ने जताया यह अनुमान

अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आधार अधिकारियों और दिल्ली नगर निगम (MCD) के साथ इस विचार पर चर्चा की और वे इसपर सहमत हो गए. संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में यह पहल शुक्रवार से शुरू होगी जबकि जिले के तीन अन्य अस्पतालों - भगवान महावीर अस्पताल, बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल और दीप चंद बंधु अस्पताल में अगले हफ्ते इस योजना को शुरू किया जाएगा. सबसे ज्यादा बच्चों का जन्म बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में होता है जहां रोज़ 50-60 बच्चे जन्म लेते हैं.

पढ़ें- क्या भाजपा में शामिल होंगे OP Rajbhar? योगी के मंत्री ने दिया बड़ा बयान

चेष्टा यादव ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड न होने की वजह से बैंक केंद्र की 'सुकन्या समृद्धि योजना' और दिल्ली सरकार की 'लाडली' योजना के तहत लाभार्थियों का नामांकन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमने संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के स्त्री रोग वार्ड के पास 'नन्ही परी' हेल्पडेस्क स्थापित किया है. हेल्प डेस्क में एमसीडी, बैंक और आधार इकाइयों के अधिकारी होंगे जो यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चियों के माता को अस्पताल से छुट्टी मिले तो उनके पास ये दस्तावेज हों."

पढ़ें- बॉर्डर के करीब चीन फिर कर रहा 'गंदा काम', भारत है सतर्क

DM ने यह भी उम्मीद जताई कि इस पहल से संस्थागत यानी अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा, "अगर अस्पताल से छुट्टी जल्दी हो जाती है, तो माता-पिता दस्तावेज लेने के लिए अस्पताल आ सकते हैं क्योंकि उनके रिकॉर्ड संभालकर रखे जाएंगे." 

इनपुट- भाषा

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement