Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, याचिका में की गई ये मांग

Gyanvapi Masjid: याचिका में ज्ञानवापी से सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की पूजा और राजभोग आरती की मांग की गई है.

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, याचिका में की गई ये मांग

ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे कराने की मांग को लेकर सुनवाई पूरी हो गई है. 

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मामले में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand) की ओर से दाखिल याचिका पर आज अहम सुनवाई होनी है. याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की पूजा और राजभोग आरती की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में जज से छुट्टी पर होने के कारण मामले की सुनवाई टल गई थी. सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में याचिका दाखिल की गई है.  

याचिका में क्या की गई मांग
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य रहे हैं. उनकी मृत्यु के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य का पद संभाल रहे हैं. उनकी ओर से अदालत में वाद दाखिल किया है जिसमें शृंगार गौरी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश पर हुए कोर्ट कमीशन की कार्यवाही में मिले शिवलिंग की आकृति का विधिवत रागभोग, पूजन व आरती जिला प्रशासन की ओर से विधिवत करना चाहिए था, लेकिन अभी तक प्रशासन ने ऐसा नहीं किया है. याचिका में मांग की गई है कि कानूनन देवता की परस्थिति एक जीवित बच्चे के समान होती है, जिसे अन्न-जल आदि नहीं देना संविधान की धारा अनुच्छेद-21 के तहत दैहिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है. 

ये भी पढ़ेंः CEC के पद पर टी.एन. शेषन जैसे व्यक्ति की जरूरत: सुप्रीम कोर्ट

जिला कोर्ट में खारिज हुई याचिका 
इस मामले में जिला कोर्ट में दाखिल याचिका को खारिज कर दिया गया. जिला जज ने याचिका खारिज करने के पूर्व कहा कि आपके आवेदन से यह प्रतीत होता है कि आपको 16 मई को ही पता लग गया था कि ज्ञानवापी में शिवलिंग मिला है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इतने समय से आप क्या कर रहे थे. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की मांग को सिरे से खारिज कर दिया था. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement