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Gyanvapi Masjid: ज्ञानवापी केस की सुनवाई में औरंगजेब की भी एंट्री, कागज मांगने पर मस्जिद पक्ष ने दी ये दलील

Gyanvapi Masjid Controversy: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में मुगल बादशाह औरंगजेब की भी एंट्री हो गई है. मुस्लिम पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि मस्जिद की जमीन औरंगजेब की संपत्ति है.  

Gyanvapi Masjid: ज्ञानवापी केस की सुनवाई में औरंगजेब की भी एंट्री, कागज मांगने पर मस्जिद पक्ष ने दी ये दलील

ज्ञानवापी मस्जिद

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डीएनए हिंदीः वाराणसी के ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid) मामले में मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) की एंट्री हो गई है. जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से दिए गए जवाब में मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि मस्जिद की जमीन औरंगजेब की संपत्ति है. आज यानी मंगलवार को अदालत में मुस्लिम पक्ष सबूतों के साथ फाइनल दलील रखेगा. श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की जिला अदालत में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद की जमीन को औरंगजेब की संपत्ति बताया. इस मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें पूरी होने के बाद बुधवार को हिंदू पक्ष आपत्ति पर जवाब दाखिल करेगा.  

मुस्लिम पक्ष ने क्या दी दलील
मस्जिद पक्ष ने अपने प्रतिउत्तर में ज्ञानवापी के वक्फ संपत्ति होने की दलील दी. मंदिर पक्ष के वकील विष्णुशंकर जैन के मुताबिक, मस्जिद पक्ष ने ज्ञानवापी के वक्फ होने की बात कही लेकिन जब वक्फ से जुड़े कागज मांगे गए तो उन्होंने औरंगजेब का जिक्र किया. वकील विष्णुशंकर जैन के मुताबिक, मस्जिद पक्ष ने ये कहा कि उस वक्त औरंगजेब हिंदुस्तान के बादशाह थे. औरंगजेब ने ये संपत्ति कब्जा की थी. चूंकि वो बादशाह थे इसलिए सारी संपत्ति बादशाह की होती है. बतौर बादशाह औरंगजेब ने ज्ञानवापी संपत्ति वक्फ में तामील कर दी थी.

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वक्फ ट्रिब्यूनल में सुनवाई की मांग
मस्जिद पक्ष की ओर से सुनवाई के दौरान प्रतिउत्तर में 1012 का एक रेवन्यू रिकॉर्ड भी पढ़ा लेकिन उसकी कॉपी मंदिर पक्ष को नहीं दी. वक्फ एक्ट 1995 का भी हवाला देते हुए कहा कि ये मुकदमा सिविल कोर्ट में नहीं बल्कि शरीया कानून के तहत वक्फ ट्रिब्यूनल में इसकी सुनवाई होनी चाहिए. जबकि सुप्रीम कोर्ट का साफ आदेश है कि जब विवाद मुस्लिम और हिंदू पक्ष के बीच हो तो उस पर शरीरत कानून लागू नहीं होता. उसका निस्तारण सिविल कोर्ट के तहत होता है. अदालत ने मस्जिद पक्ष को आदेश दिया कि अपने प्रतिउत्तर में जिस भी एक्ट और रेवन्यू रिकॉर्ड का जिक्र कर रहे हैं, उसकी कॉपी कापी मंदिर पक्ष को दी जाए. ताकि वो इसका जवाब बना सकें.

इनपुट-एजेंसी

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