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जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का चुनाव प्रचार थमा, 18 सितंबर को 24 सीटों पर डाले जाएंगे वोट

Jammu Kashmir Assembly Elections: निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ‘कुल 23.27 लाख मतदाता मतदान करने के पात्र हैं और वे 219 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला करेंगे.’

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जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का चुनाव प्रचार थमा, 18 सितंबर को 24 सीटों पर डाले जाएंगे वोट

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में 24 सीटों पर होगी वोटिंग

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जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए सोमवार को प्रचार समाप्त हो गया. आखिरी दिन बीजेपी-कांग्रेस समेत तमाम पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किश्तवाड़ और रामबन जिलों में तीन रैलियों को संबोधित किया. वहीं, कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणापत्र ‘हाथ बदलेगा हालात’ जारी किया, जिसमें बेरोजगार युवाओं को हर महीने 3500 रुपये और भूमिहीन किसानों को हर साल 4000 रुपये सहित कई कल्याणकारी उपायों का वादा किया गया.

पहले चरण में 18 सितंबर को 24 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इनमें जम्मू क्षेत्र के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन के तीन जिलों में फैली चिनाब घाटी की 8 सीटों के साथ-साथ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों की 16 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त होने के बाद जम्मू कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा.

कितने उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ‘कुल 23.27 लाख मतदाता मतदान करने के पात्र हैं और वे 219 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला करेंगे.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला समेत अन्य नेताओं ने एक महीने पहले चुनावों की घोषणा के बाद से अपनी-अपनी पार्टियों या गठबंधनों के लिए प्रचार किया.

जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में कुल 3,276 मतदान केंद्रों में से 2,974 केंद्र ग्रामीण इलाकों में और 302 शहरी इलाकों में होंगे. पहले चरण के चुनाव के लिए 14,000 से अधिक मतदान कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा.

पहले चरण के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों ने मुख्य रूप से जम्मू क्षेत्र के चुनावी इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपने प्रचार अभियान में कश्मीर घाटी और जम्मू के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की. विपक्षी दलों के प्रचार अभियान का मुख्य मुद्दा जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना रहा है. 

बता दें कि अगस्त 2019 में केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. (PTI इनपुट के साथ)

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