Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Controversy: सावरकर चिड़िया पर उड़ते थे जेल से बाहर, कर्नाटक में ये क्या पढ़ाया जा रहा है स्टूडेंट्स को

कर्नाटक में वीर सावरकर को लेकर पहले ही विवाद का माहौल बना हुआ है. टीपू सुल्तान बनाम वीर सावरकर पोस्टर विवाद से हिंसा भी भड़क चुकी है. ऐसे में सावरकर को कक्षा-8 के नए पाठ्यक्रम में जिस तरह शामिल किया है, उस पर नया विवाद पैदा हो गया है.

Controversy: सावरकर चिड़िया पर उड़ते थे जेल से बाहर, कर्नाटक में ये क्या पढ़ाया जा रहा है स्टूडेंट्स को
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: कर्नाटक (Karnataka) में हिंदुत्ववादी विचारक व स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर उर्फ वीर सावरकर को लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है. भाजपा नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने सावरकर को संशोधित हाई स्कूल पाठ्यक्रम में जगह दी है. कक्षा-8 में शामिल की गई कन्नड़ भाषा की किताब में दावा किया गया है कि जब सावरकर अंडमान जेल में सजा-ए-काला पानी के तौर पर बंद थे, तब वे एक चिड़िया के पंखों पर बैठकर पूरे देश का भ्रमण करने जाते थे. 

किताब के इस पैराग्राफ पर विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध जताया है और राज्य सरकार पर 'इतिहास को दोबारा लिखने' की कोशिश करने का आरोप लगाया है. 

पढ़ें- Rahul Gandhi को मनाने में जुटे 'वफादार', G-23 ने फिर उठाए सवाल, आखिर किस ओर जा रही कांग्रेस?

क्या लिखा गया है पैराग्राफ में

नई किताब के एक पैराग्राफ में लिखा है, जिस कक्ष में सावरकर बंद थे, वहां चाबी का छेद भी नहीं था. लेकिन कमरे में एक बुलबुल आती थी और सावरकर उसके पंखों पर बैठकर बाहर उड़ जाते थे और हर दिन अपनी मातृभूमि घूमते थे.

इस किताब में पहले ये चैप्टर नहीं था, लेकिन नए सिलेबस में इसे किताब में शामिल कर लिया गया है. इस चैप्टर का कंटेंट केटी गट्टी के एक यात्रा वृत्तांत से लिया गया है, जो 1911 से 1924 के बीच सावरकर के सेल्युलर जेल में बंद रहने के दौरान वहां गए थे. सरकार ने किताब में नए संशोधन की जिम्मेदारी रोहित चक्रतीर्थ की अध्यक्षता में रिवीजन कमेटी को सौंपी थी. हालांकि, अब ये कमेटी भंग कर दी गई है.

पढ़ें- पीएम मोदी ने विपक्षियों पर बोला हमला- निवेश रोकने और गुजरात को बदनाम करने के लिए रची गईं साजिशें

savarkar

वायरल हो रहा है ये चैप्टर

सावरकर को लेकर स्कूली किताब में दी गई इस जानकारी पर विवाद शुरू हो गया है. सोशल मीडिया पर भी ये चैप्टर वायरल हो गए हैं. कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़के ने ट्विटर पर इसे लेकर कमेंट किया है, लेकिन रोहित चक्रतीर्थ इसे बेकार का विवाद बता रहे हैं. चक्रतीर्थ का कहना है कि यह किताब में एक मुहावरे की तरह दिया गया था. यह अलंकार स्वरूप है और इसका असल में यह मतलब नहीं है कि सावरकर बुलबुल के पंखों पर बैठकर उड़ते थे. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement