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Freebies पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस बोले, कोई सिंगापुर भेजने का वादा करें, तो EC कैसे रोकेगा

सुप्रीम कोर्ट इस समय उन याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है, जिनमें राजनीतिक दलों की तरफ से की जाने वाली मुफ्त सुविधाएं देने की घोषणाओं पर ऐतराज जताया गया है.

Freebies पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस बोले, कोई सिंगापुर भेजने का वादा करें, तो EC कैसे रोकेगा

सुप्रीम कोर्ट

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डीएनए हिंदी: सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव के समय फ्री योजनाओं का वादा करती है. चुनावी वादों को लेकर देश भर में बहस भी चल रही है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें रेवड़ी कल्चर पर रोक लगाने की मांग की गई है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई सवाल याचिकाकर्ताओं से पूछे.

45 मिनट तक चली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में आज यानी मंगलवार को करीब 45 मिनट तक सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान वकील विकास सिंह ने कहा कि मुफ्त वादों के चलते देश दिवालिया होने की स्थिति में है. इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उनसे सवाल किया कि मान लीजिए कोई पार्टी वादा करें कि वह चुनाव जीतने पर लोगों को सिंगापुर भेजेगी, तो चुनाव आयोग इस पर कैसे रोक लगा सकता है.

पढ़ें- MNS प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ जारी हुई गैर जमानती वारंट, ये है पूरा मामला

24 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि इस केस को बड़ी बेंच को भेजा जा सकता है. हालांकि अगली सुनवाई बुधवार यानी 24 अगस्त को तय की गई है. आज की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल न्याय मित्र के तौर पर, जबकि आम आदमी पार्टी की ओर से वकील के तौर पर अभिषेक मनु सिंघवी और याचिकाकर्ता की ओर से वकील विकास सिंह पेश हुए. सुनवाई कर रही बेंच में चीफ जस्टिस एनवी रमना के साथ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली शामिल थीं.

सुनवाई के दौरान की मुख्य बातें

सुनवाई के दौरान विकास सिंह ने कहा, कि सभी को सत्ता चाहिए इसलिए वे मुफ्त घोषणाओं का ऐलान करते है. ये किसी दिन ऐसे मुकाम पर पहुंचेगा कि देश दिवालिया हो जाएगा. इस मामले में सुब्रमण्यम बालाजी का फैसला गलत है और इसे खारिज किया जाना चाहिए, तो वहीं अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोई कमेटी कैसे तय कर सकती है, कि फ्री क्या है क्या नहीं, कोर्ट को इस याचिका को सुनना ही नहीं चाहिए अनुच्छेद 19ख के तहत बोलने की आजादी है.

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