Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

लुधियाना गैस लीक: क्या लापरवाही से गई 11 लोगों की जान? एफआईआर दर्ज, SIT करेगी जांच

लुधियाना के पुलिस आयुक्त मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि टीम इस बात की जांच करेगी कि कहीं किसी औद्योगिक यूनिट ने सीवर लाइन में कचरा तो नहीं डाला.

लुधियाना गैस लीक: क्या लापरवाही से गई 11 लोगों की जान? एफआईआर दर्ज, SIT करेगी जांच

ludhiana gas leak

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: पंजाब के लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके में कथित तौर पर जहरीली गैस के रिसाव के कारण हुई 11 लोगों की मौत के मामले की जांच पंजाब पुलिस का 5 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) करेगा. पंजाब के प्रमुख औद्योगिक केंद्र की घनी आबादी वाले इलाके में रविवार को यह हादसा हुआ था. जिले के अधिकारियों ने कहा कि हाइड्रोजन सल्फाइड के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए नालियों और सीवरेज लाइनों में कास्टिक सोडा डाल कर इलाके में रात भर परिशोधन मुहिम चलाई गई. अधिकारियों ने कहा कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दस्ते सीवर लाइन में जहरीली गैस के निर्माण के संभावित कारणों पर गौर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गैस का प्रभाव अब क्षेत्र में नहीं है.

बता दें कि हाइड्रोजन सल्फाइड, जिसे सीवर गैस भी कहा जाता है, जहरीली होती है और इसमें सड़े हुए अंडे जैसी गंध आती है. यह गैस बेहोशी और मौत का कारण बन सकती है. लुधियाना के पुलिस आयुक्त मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि एसआईटी का नेतृत्व पुलिस उपायुक्त (जांच) हरमीत सिंह हुंदल करेंगे. उन्होंने कहा कि टीम इस बात की जांच करेगी कि कहीं किसी औद्योगिक इकाई ने सीवर लाइन में कचरा तो नहीं डाला. सिद्धू ने कहा कि पुलिस इस पर पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सहयोग लेगी और अगर इसके अधिकारी सहयोग नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. 

ये भी पढ़ें- अतीक के बेटे असद की 10वीं की मार्कशीट आई सामने, देखें किस सब्जेक्ट में कितने मिले थे नंबर 

पुलिस खंगाल रही CCTV फुटेज
अधिकारियों ने पहले कहा था कि इलाके में सीवर में कुछ रसायन डाले जाने के बाद जहरीली गैस निकली होगी. अधिकारी इसकी पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं. एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश पहले ही दिया जा चुका है और पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भादंवि की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत FIR दर्ज की है. शहर के ग्यासपुरा इलाके में रविवार को कथित रूप से जहरीली गैस के रिसाव के बाद तीन बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वाले सभी लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के थे. प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी.

लुधियाना की उपायुक्त सुरभि मलिक ने कहा कि क्षेत्र का परिशोधन कर दिया गया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और नगर निगम की टीम ने रात भर क्षेत्र में परिवेशी वायु गुणवत्ता का आकलन किया. उन्होंने कहा, “हवा में अब हाइड्रोजन सल्फाइड नहीं पाया गया है.” दलों ने समय-समय पर क्षेत्र के मैनहोल की भी जांच की. उन्होंने कहा कि रात के दौरान, मैनहोल में हाइड्रोजन सल्फाइड का स्तर उच्च था, लेकिन रासायनिक परिशोधन प्रक्रिया के बाद यह नीचे चला गया है. उपायुक्त ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम क्षेत्र में स्थित उद्योगों के पानी के प्रवेश और निकास की जांच के लिए मानचित्रण कर रही है. हवा की गुणवत्ता ठीक पाए जाने के बाद घेराबंदी का दायरा भी 250 मीटर से घटाकर 25 मीटर कर दिया गया है.

गैस रिसाव के बाद अधिकारियों ने रविवार को इलाके की घेराबंदी कर दी थी. इस बीच, लुधियाना स्थित एक औद्योगिक निकाय ने गैस रिसाव त्रासदी के लिए कुछ सरकारी विभागों द्वारा उत्पीड़न की आशंका जताई. चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग (सीआईसीयू) के अध्यक्ष उपकार सिंह आहूजा ने एक बयान में कहा, “उद्योग ने कारखानों को चलाने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा जारी किए गए मानदंडों और दिशानिर्देशों को लागू किया और इस घटना के पीछे का कारण कुछ और ही है.” (इनपुट- भाषा)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement