Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, मैतेई और कुकी के बीच हुई फायरिंग में दो की मौत

हिंसा प्रभावित जिलों में भारी फोर्स की तैनाती की गई है. पुलिस ने बताया कि अभी उन इलाकों में तनावपूर्ण माहौल है.

Latest News
मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, मैतेई और कुकी के बीच हुई फायरिंग में दो की मौत

Manipur Violence

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. यहां से आए दिन हिंसा को लेकर खबर सामने आ रही है. इंफाल में शनिवार को दो सशस्त्र समूहों के बीच हुई फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि उपद्रवियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर फायरिंग की. इस हिंसा में कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत हो गई. 

पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी कांगपोकपी जिले की सीमा के करीब हुई. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य और केंद्रीय पुलिस बल को क्षेत्र में भेजा गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, कांगपोकपी और इंफाल ईस्ट के हथियारबंद बदमाशों के बीच हिंसक झड़प हुई. आरोप है कि कुकी उपद्रवियों ने अपनी बस्ती के पास बंकर बनाए थे. जिसके बाद मैतेई समाज के लोगों ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की. जिसमें कुकी समाज के दो लोगों की मौत हो गई. इलाकों में सुरक्षा बलों के पहुंचने के बाद सशस्त्र समूहों के कैडर शवों को छोड़कर इलाके से भाग गए. 

हिंसाग्रस्त इलाकों में हुई पुलिस बल की तैनाती 

पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान कांगपोकपी जिले के मफौदाम पुलिस स्टेशन के तहत नोंगदाम कुकी के कम्मिनलाल लुफेंग (23) पुत्र पाओलेट लुफेंग और कांगपोकपी जिले के बोंगजांग गांव के कमलेंगसैट लुनकिम (22) पुत्र थांगखोमांग लुनकिम के रूप में की गई है. कांगपोकपी, उखरुल और इंफाल पूर्व के त्रि-जंक्शन के आसपास के क्षेत्र में तनाव अभी भी बरकरार है. ऐसे में तीनों इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. 

मई 2023 में शुरु हुई थी हिंसा 

पिछले साल 3 मई को मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद भड़की  हिंसा के बाद से मणिपुर में 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए. मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था, उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए. कुकी जनजाति इसका विरोध कर रहा है. कुकी समुदाय का कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं. ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा.  

डीएनए हिंदी का मोबाइल एप्लिकेशन Google Play Store से डाउनलोड करें.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement