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Rau's IAS Haadsa: राजेंद्र नगर हादसे के बाद एक्शन में MCD, अवैध कोचिंग सेंटर्स पर चलेगा बुलडोजर

MCD ने पिछले साल ऐसे कोचिंग सेंटर का सर्वेक्षण किया था, जब मुखर्जी नगर में एक संस्थान में भीषण आग लग गई थी. जिसमें कई लोग आग से बचने के लिए इमारत से कूद गए थे.

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Rau's IAS Haadsa: राजेंद्र नगर हादसे के बाद एक्शन में MCD, अवैध कोचिंग सेंटर्स पर चलेगा बुलडोजर

Delhi coaching accident

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दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर की एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार को पानी भर जाने के कारण 3 छात्रों की मौत हो गई. इस हादसे के बाद हंगामा मचा हुआ है. केंद्र बीजेपी और आम आदमी पार्टी सरकार एक-दूसरे पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं. वहीं इस हादसे के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) की भी आंख खुल गई है. एमसीडी ने उन अवैध बिल्डिंग की पहचान कर ली है, जिनमें नियमों का उल्लंघन करके कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं.

नगर निगम ने राजेंद्र नगर की घटना को लेकर जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का ऐलान किया है. एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में बेसमेंट में अवैध रूप से चलाए जा रहे कोचिंग सेंटर पहचान कर ली गई. उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की तैयारी की जा रही है.

उन्होंने बताया कि एमसीडी ने पिछले साल ऐसे कोचिंग सेंटर का सर्वेक्षण किया था, जब मुखर्जी नगर में एक संस्थान में भीषण आग लग गई थी. जिसमें कई लोग आग से बचने के लिए इमारत से कूद गए थे.

बेसमेंट का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ एक्शन
ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार को भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से UPSC की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी. अधिकारी ने कहा, ‘एमसीडी के भवन उपनियमों का उल्लंघन करके संचालित किए जा रहे कोचिंग सेंटर के खिलाफ हमने कार्रवाई शुरू कर दी है. व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए बेसमेंट का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’ 

उन्होंने कहा, ‘संस्थान के मालिक की ओर से सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने में घोर आपराधिक लापरवाही पाई गई है, क्योंकि बेसमेंट में स्थित पुस्तकालय अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था और इसमें केवल एक ही प्रवेश और निकास बिंदु था जो बायोमेट्रिक आधारित था और पानी के कारण बंद हो गया था.’ उन्होंने कहा कि अगर बाहर निकलने का रास्ता खुला होता तो छात्र बच सकते थे.


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एमसीडी सिर्फ भवन योजना को मंजूरी देती है. लेकिन अगर कोई बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग और भंडारण के लिए करने की घोषणा करने के बाद उसका व्यावसायिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करता है, तो सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एजेंसी और क्या कर सकती है?’ 

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की है और दिल्ली सरकार से बातचीत के बाद एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की घोषणा जल्द ही की जाएगी. (इनपुट-PTI)

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