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Delhi Mugal Garden: पूरी दुनिया में मशहूर है राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन, सरकार ने बदला इसका नाम

Mughal Garden renamed: केंद्र सरकार ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान (Amrit Udyan) करने की घोषणा कर दी.

Delhi Mugal Garden: पूरी दुनिया में मशहूर है राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन, सरकार ने बदला इसका नाम

Rashtrapati Bhavan Mugal Garden का नाम रविवार से Amrit Udyan हो जाएगा.

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डीएनए हिंदी: Delhi News- देश की राजधानी दिल्ली में मुगल शासकों की पहचान वाले नामों को बदलने का सिलसिला लगातार जारी है. केंद्र सरकार ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के पूरी दुनिया में मशहूर मुगल गार्डन (Mughal Garden) का नाम भी बदल दिया है. मुगल गार्डन को अब अमृत उद्यान (Amrit Udyan) के नाम से पहचाना जाएगा. केंद्र सरकार ने यह नया नामकरण देश की आजादी के 75वें साल के मौके पर मनाए जा रहे ' आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav)' की थीम को ध्यान में रखकर किया है. 

रविवार को होगा नए नाम से उद्यान का उद्घाटन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President OF India Droupadi Murmu) की डिप्टी प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने शनिवार को एक बयान में इस नए नामकरण की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि देश की आजादी के 75 सालों को लेकर चल रहे आजादी का अमृत महोत्सव सेलिब्रेशन के मौके पर राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन के सभी बगीचों को अमृत उद्यान का एक कॉमन नाम दिया है. 

नविका गुप्ता ने बताया कि नए नाम वाले अमृत उद्यान का उद्घाटन राष्ट्रपति मुर्मू रविवार 29 जनवरी को करेंगी. इसके बाद 31 जनवरी से 26 मार्च तक दो महीने के लिए यह उद्यान आम जनता के लिए खुला रहेगा. 

गुलाब की 135 किस्मों का घर है मुगल गार्डन

राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन नई दिल्ली को डिजाइन करने वाले वास्तुकार एडविन लुटियन (Edwin Lutyens) ने डिजाइन किया था. इसमें फव्वारे, छोटी नहरें, फूलों के कारपेट, सजावटी पेड़-पौधों से लेकर 33 तरह की जड़ी-बूटियां तक संरक्षित की गई हैं. मुगल गार्डन की सबसे बड़ी खासियत यहां गुलाब की 135 से ज्यादा किस्मों के फूल मौजूद होना है. इनमें लाल, पीला, काला, नीला, सफेद, जामुनी रंग आदि के गुलाब शामिल हैं. इनके कारण ही यह बगीचा पूरी दुनिया में मशहूर है. 

मुगल, फारसी और ब्रिटिश शैली का संगम

लेडी हार्डिंग्स के आदेश पर तैयार किया गया मुगल गार्डन मुगलों की चार बाग शैली की तर्ज पर चार भागों में बंटा है. करीब 13 एकड़ में फैले इस गार्डन की डिजाइनिंग में छोटे-बड़े बगीचे बनाए गए हैं, जिनमें तितलियों की बहुत सारी वैराइटी देखने को मिलती हैं. इसमें दो छोटी नहरें मौजूद हैं, जिनमें एक पूरब से पश्चिम और दूसरी उत्तर से दक्षिण दिशा की तरफ बहती है. राष्ट्रपति भवन के पिछले हिस्से में बनाए गए इस बगीचे में मुगल, फारसी और ब्रिटिश शैली का संगम देखने को मिलता है. इसका निर्माण साल 1912 से 1929 के बीच किया गया था. 

आम जनता को मिलता है साल में एक बार देखने का मौका

मुगल गार्डन को साल में एक बार दो महीने के लिए आम जनता के लिए खोला जाता है. हर साल यह गार्डन फरवरी और मार्च महीने में आम जनता के लिए खुला रहता है. यहां जनता को बिना किसी शुल्क के फ्री एंट्री दी जाती है. इस दौरान गार्डन के फूलों को देखने के लिए पूरे देश से लोगों की भीड़ दिल्ली जुटती है. मुगल गार्डन के लिए आम जनता को राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर-35 से एंट्री दी जाती है.

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