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क्या आपका बच्चा भी खाता है Nestle Cerelac? हो जाएं सावधान, जान लें कितना खतरनाक है ये

बुधवार को नेस्ले के बेबी प्रोडक्ट्स को लेकर एक चौकाने वाली खबर सामने आई है. रिपोर्ट में पाया गया है नेस्ले कई एशिआई और गरीब अफ्रीकी देशों में के सेरेलेक बेबी प्रोडक्ट में अतिरिक्त मात्रा में शुगर का इस्तेमाल कर रहा है. आइए जानते है क्या है पूरा माजरा.

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अगर आप भी अपने नवजात बच्चे को नेस्ले के बेबी प्रॉडक्ट्स जैसे मिल्क पाउडर और सेरेलेक आदि देते हैं तो सावधान हो जाएं. इसे लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट में पता चला है कि नेस्ले अपने प्रॉडक्ट्स में मिलावट करता है. कंपनी सभी बेबी प्रॉडक्ट्स में ज्यादा मात्रा में चीनी (एडेड शुगर) का इस्तेमाल कर रही है. यह भी खुलासा हुआ है कि कंपनी केवल भारत और अन्य एशियाई देशों व अफ्रीकी देशों में ही ये मिलावट वाले प्रॉडक्ट्स बेच रही है, जबकि यूरोप और ब्रिटेन में वह बिना मिलावट वाले प्रॉडक्ट सप्लाई कर रही है. इस  रिपोर्ट को पेश करने वाले संगठन का कहना है कि प्रोडक्ट्स में हुई मिलावट बच्चों की सेहत के लिए काफी घातक है, जिससे बच्चों को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.


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6 ग्राम अधिक एडेड शुगर का इस्तेमाल कर रही कंपनी

नेस्ले की इस मिलावट का खुलासा स्विस जांच संगठन पब्लिक आई और आईबीएफएएन (इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क) ने किया है. जानकारी के मुताबिक, भारत समेत कई एशियाई देशों, अफ्रीकी देशों, और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले नेस्ले प्रॉडक्ट्स जैसे मिल्क पाउडर आदि को बेल्जियम की एक प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था. जांच में पता चला कि जर्मनी, फ्रांस और यूके में नेस्ले के सभी प्रॉडक्ट्स में कोई एडेड शुगर नहीं है. वहीं भारत समेत अन्य कई देशों में कंपनी के बेबी प्रॉडक्ट्स में तय मात्रा से करीब 6 ग्राम अधिक एडेड शुगर का इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत में नेस्ले का बहुत बड़ा और अच्छा कारोबार है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2022 में भारत में नेस्ले की कुल बिक्री करीब 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर पार कर गई थी.   


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WHO ने दी चेतावनी  

WHO के एक वैज्ञानिक ने मामले के संज्ञान में कहा है कि कंपनी शिशुओं के स्वास्थ्य के साथ खेल रही है. WHO ने मामले को लेकर चेतावनी दी है कि शिशु के जीवन की शुरुआत में उसे शुगर देना उसके स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है. जीवन के शुरुआत में उन्हें शुगर देने से उस पर मोटापा और उससे जुड़ी अन्य कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. वहीं साल 2022 में WHO ने शिशुओं के लिए मार्केट में मिल रहे खाने के प्रोडक्ट्स में अधिक मात्रा में शुगर और मिठास पर रोक लगाने का फैसला किया था. 

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