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Interpol General Assembly: आतंकवाद पर बोले PM Modi- जब खतरे वैश्विक तो प्रतिक्रिया स्थानीय क्यों?

भारत में करीब 25 साल बाद इंटरपोल महासभा हो रहा है. इंटरपोल की महासभा आखिरी बार साल 1997 में देश में हुई थी.

Interpol General Assembly: आतंकवाद पर बोले PM Modi- जब खतरे वैश्विक तो प्रतिक्रिया स्थानीय क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credit @BJP/twitter)

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डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इंटरपोल जनरल असेंबली में आतंकवाद को लेकर दुनियाभर के देशों को नसीहत दी. उन्होंने कहा कि अगर खतरे वैश्विक हों तो प्रतिक्रिया स्थानीय नहीं होनी चाहिए. इंटरपोल जनरल असेंबली (Interpol General Assembly) में 195 सदस्य देशों के प्रतिनिधि मंडल शामिल हो रहे हैं. कई देशों के मंत्री और पुलिस अधिकारी इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. इंटरपोल की जनरल असेंबली 18 से 21 अक्टूबर तक नई दिल्ली में हो रही है.

आतंकवाद (Terrorism) पर वैश्विक सहयोग की अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'यह समय कल भी देखने का है और अतीत देखने का भी. हमारे वेद कहते हैं कि सभी दिशाओं से अच्छे विचारों का स्वागत करना चाहिए. भारत वैश्विक सहयोग में विश्वास करता है.'

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दुनिया को चलाने के लिए सार्वजनिक सहयोग की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इंटरपोल एक नया कीर्तिमान रच रहा है. साल 2023 में, यह अपने 100 साल पूरे करेगा. दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए सार्वभौमिक सहयोग की जरूरत है. भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है.'

जब खतरे वैश्विक हों तो प्रतिक्रिया स्थानीय न हो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'जब राष्ट्र और समाज अंतर्मुखी हो रहे हैं, भारत अधिक विश्व सहयोग की मांग करता है. जब खतरे वैश्विक होते हैं तो प्रतिक्रिया स्थानीय नहीं हो सकती. यह सही समय है, दुनिया को इन खतरों को हराने के लिए एक साथ आना चाहिए.'

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आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की जरूरत 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'दुनिया भर में आतंकवाद को हराने के लिए अंतरराष्ट्रीय रणनीति विकसित करने की जरूरत है. इंटरपोल भगोड़ों के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने की प्रक्रिया को तेज करके संगठित अपराधों और भ्रष्टाचार के कारोबार को थाम सकता है.'


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराध को मानवता के लिए वैश्विक खतरा बताया और कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व के एकजुट होने का समय आ गया है. 

ऑनलाइन बढ़ रहे हैं अपराध

राजधानी दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि आतंकवाद सिर्फ भौतिक रूप से ही नहीं मौजूद है, बल्कि वह अब साइबर खतरों और ऑनलाइन कट्टरता के माध्यम से अपना दायरा बढ़ा रहा है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'एक सुरक्षित दुनिया हमारी साझा जिम्मेदारी है. जब अच्छी ताकतें एक दूसरे का सहयोग करती हैं, तो अपराध की ताकतें काम नहीं कर सकती हैं.'

...इन्हें कोई देश न दे पनाह

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों, ड्रग कार्टेल, अवैध शिकार गिरोहों या संगठित अपराधों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं हो सकती है. 

क्या है इंटरपोल जनरल असेंबली?

जनरल असेंबली, इंटरपोल की सुप्रीम बॉडी है और साल में इसकी एक बार बैठक होती है. इस बैठक में इंटरपोल के कामकाज की समीक्षा की जाती है और महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाते हैं. बैठक में वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार के अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. 

भारत में इंटरपोल जनरल असेंबली की बैठक 25 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है. पिछली बार भारत में यह महासभा 1997 में हुई थी. भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस बार की महासभा का आयोजन नई दिल्ली में करने का विशेष मौका दिया गया है.

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