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President Election 2022: कौन होगा विपक्ष का उम्मीदवार? शरद-फारूक की ना के बाद रेस में ये नाम सबसे आगे

President Election 2022: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला ने मना कर दिया है.

President Election 2022: कौन होगा विपक्ष का उम्मीदवार? शरद-फारूक की ना के बाद रेस में ये नाम सबसे आगे
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डीएनए हिंदीः देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव (President Election 2022) की तैयारी तेज हो गई हैं. चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए वोट डाले जाने हैं. 29 जून को नामांकन का आखिरी दिन होगा और इसके लिए अब सिर्फ 10 दिन बाकी रह गए हैं. हालांकि अभी तक ना तो बीजेपी (BJP) और ना ही विपक्षी दलों द्वारा उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया गया है. विपक्ष की ओर से एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर आगे किया गया था. हालांकि दोनों ने ही इससे इनकार कर दिया है.  

विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए विपक्ष को एकजुट करने के लिए ममता बनर्जी प्रयास कर रही हैं. उन्होंने इसी मुद्दे को लेकर 15 जून को एक बैठक भी बुलाई थी. हालांकि ममता की बैठक में आम आदमी पार्टी, तेलंगाना की टीआरएस, ओडिशा की बीजेडी और आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियां शामिल नहीं हुईं. इसे विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. यही कारण है कि विपक्ष अभी तक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर सहमति नहीं बना पाया है.  

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रेस में कौन से नाम सबसे आगे 
 
यशवंत सिन्हा: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम की चर्चा काफी दिनों से हैं. एनडीए सरकार में वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण पद संभाल चुके यशवंत सिन्हा बाद में बीजेपी से अलग हो गए. यशंवत सिन्हा बीजेपी के दिग्गज नेता रह चुके हैं और अब वह टीएमसी में हैं. 

गोपालकृष्ण गांधी: राष्ट्रपति पद की रेस में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी का नाम भी बना हुआ है. गोपालकृष्ण गांधी महात्मा गांधी के पोते हैं. वह आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. गोपालकृष्ण गांधी 2019 में भी विपक्ष की तरफ से संयुक्त तौर पर उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार थे. हालांकि, वह एनडीए के वैंकैया नायडू से चुनाव हार गए थे. ऐसे में इस बार उनका नाम राष्ट्रपति पद के लिए आगे किया जा सकता है.  

एनके प्रेमचंद्रन: दक्षिण भारत की राजनीति में एनके प्रेमचंद्रन बड़ा नाम हैं. वह केरल के सांसद हैं और केरल की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. उन्हें दक्षिण भारत के राजनीतिक दलों का समर्थन मिल सकता है. दक्षिण भारत के छोटे दलों की राष्ट्रपति चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका होगी. यह दल जिन गठबंधन का का साथ देंगे उसकी जीत की संभावना अधिक होंगी. 

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