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Punjab में महंगा हुआ सफर, सरकारी बसों में बढ़ा किराया, 100 किमी यात्रा में चुकाने होंगे इतने रुपये ज्यादा

पंजाब परिवहन विभाग ने बस किराए में 23 से 46 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की है. बस किराए में बढ़ोतरी के साथ राज्य सरकार की ओर से प्रतिपूर्ति के दावे भी बढ़ जाएंगे.

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Punjab में महंगा हुआ सफर, सरकारी बसों में बढ़ा किराया, 100 किमी यात्रा में चुकाने होंगे इतने रुपये ज्यादा
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Punjab News: पंजाब परिवहन विभाग ने शनिवार को बस किराए में 23 से 46 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की है. इससे राज्य को हर साल 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा. नए किराए कल से लागू होंगे. इस कदम से राज्य परिवहन उपक्रमों पर भी बोझ बढ़ने की संभावना है, जो महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा देते हैं. 

150 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व
बस किराए में बढ़ोतरी के साथ राज्य सरकार की ओर से प्रतिपूर्ति के दावे भी बढ़ जाएंगे. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'राज्य महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा पर सालाना करीब 690 करोड़ रुपये खर्च करता है. किराए में हालिया बढ़ोतरी के साथ, सालाना प्रतिपूर्ति बिल में करीब 50 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी'.


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'राज्य द्वारा पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 61 पैसे और 92 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के दो दिन बाद बस किराए में बढ़ोतरी की गई है. 7 किलोवाट तक लोड वाले उपभोक्ताओं को दी जाने वाली 3 रुपये प्रति यूनिट बिजली सब्सिडी भी वापस ले ली गई है.'

28 पैसे प्रति किलोमीटर
सचिव (परिवहन) दिल राज सिंह द्वारा शनिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार साधारण बसों के किराए में 23 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है, जबकि साधारण एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) बसों के लिए यह वृद्धि 28 पैसे प्रति किलोमीटर है. इंटीग्रल कोच के लिए किराए में 41 पैसे प्रति किलोमीटर और सुपर इंटीग्रल कोच के लिए 46 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है.

स्मॉल बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के जेएस ग्रेवाल ने कहा कि 50 किलोमीटर से कम रूट पर बसें चलाने पर ज्यादा फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा, 'बस किराए में वृद्धि करने के बजाय, राज्य को मोटर वाहन कर कम करना चाहिए.'

पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (पीआरटीसी) के अधिकारियों ने कहा कि बस किराए में वृद्धि से कुछ हद तक डीजल की कीमतों में हाल ही में हुई वृद्धि का असर कम होगा, जिससे निगम पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. साथ ही, इससे उन एसटीयू पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जो महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की अनुमति देते हैं. उन्होंने कहा कि मुफ्त यात्रा सुविधा के लिए एसटीयू को प्रतिपूर्ति आमतौर पर राज्य द्वारा देरी से की जाती है.

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