Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Punjab में इस बार नहीं होगी पराली की समस्या? भगवंत मान सरकार करने जा रही है यह बड़ा काम

Parali Burning News: पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की वजह से हर साल सर्दियों के मौसम उत्तर भारत में प्रदूषण बढ़ जाता है.

Punjab में इस बार नहीं होगी पराली की समस्या? भगवंत मान सरकार करने जा रही है यह बड़ा काम

पंजाब में पराली जलाने के मामले घटाने के लिए सरकार खास प्लान पर काम कर रही है. (फाइल फोटो)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: पिछले कई सालों से सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की समस्या विकराल रूप ले लेती है. प्रदूषण बढ़ने की एक बड़ी वजह पराली भी होती है. पंजाब में इस बार किसान पराली न जलाएं इसको लेकर भगवंत मान सरकार अलर्ट नजर आ रही हैं. पराली को निपटाने के लिए पंजाब की भगवंत मान सरकार ने इस बार 56 हजार मशीनें बांटने का प्लान बनाया है. इन मशीनों के जरिए किसान धान की पराली को निपटा सकेंगे.

पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने रविवार को कहा कि धान की पराली को निपटाने के लिए किसानों को 56 हजार मशीनें वितरित की जाएंगी और राज्य सरकार धान की कटाई के आगामी मौसम में किसानों को पराली जलाने से रोकने के वास्ते हर संभव कदम उठाएगी. उन्होंने लुधियाना में पत्रकारों से कहा कि कृषि विभाग इस सत्र में 56,000 मशीनों का वितरण करेगा, जिससे बांटी गई मशीनों की कुल संख्या 1,46,422 हो जाएगी.

पढ़ें- Delhi के बाद पंजाब में भी AAP की बढ़ीं मुश्किलें, शराब नीति में बड़े घोटाले का लगा आरोप

उन्होंने कहा कि 2018 से 2022 तक 90,422 मशीनें किसानों को दी जा चुकी हैं. धालीवाल ने बताया कि अब छोटे किसानों को भी 'सुपर सीडर', 'हैप्पी सीडर', 'जीरो ड्रिल' जैसी मशीनें मिलेंगी. ऐसे 500 उपकरण राज्य के 154 प्रखंडों में भेजे जाएंगे. उन्होंने कहा कि 15 सितंबर के बाद उनके समेत चतुर्थ श्रेणी से लेकर कृषि विभाग के निदेशक स्तर के अधिकारी तक खेतों में रहेंगे और घर-घर जाकर किसानों को पराली नहीं जलाने के प्रति जागरूक करेंगे.

पढ़ें- हाइवे के रास्ते में आया डेढ़ करोड़ का घर, अब किसान ले जा रहा 500 फीट दूर

पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना राष्ट्रीय राजधानी में अक्टूबर और नवंबर में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के कारणों में से एक है. धालीवाल ने पराली नहीं जलाने के लिए किसानों के वास्ते नकद प्रोत्साहन संबंधी प्रस्ताव को ठुकराने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की और इसे 'किसान विरोधी और पंजाब विरोधी’ कदम बताया. गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने धान उत्पादकों को प्रति एकड़ 2,500 रुपये देने का प्रस्ताव रखा था. उसने सुझाव दिया था कि केंद्र इसमें से 1,500 रुपये प्रति एकड़ का भुगतान करेगा, जबकि 1,000 रुपये प्रति एकड़ पंजाब और दिल्ली की सरकारें वहन करेंगी.

इनपुट- PTI

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement