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Shraddha Murder Case: श्रद्धा के हत्यारे आफताब का Narco Test से पहले होगा पॉलीग्राफी टेस्ट, कोर्ट ने दी अनुमति

Shraddha Walker Murder केस में आज आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट नहीं हो पाया है जिसमें कुछ पेचीदगियां हैं जिससे जांच में देरी हो रही है.

Shraddha Murder Case: श्रद्धा के हत्यारे आफताब का Narco Test से पहले होगा पॉलीग्राफी टेस्ट, कोर्ट ने दी अनुमति
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डीएनए हिंदी: लिव इन पार्टन श्रद्धा वलकर (Shraddha Murder Case) से लड़ाई के चलते उसकी हत्या कर शव के 35 टुकड़े करने वाले आफताब के खिलाफ दिल्ली पुलिस (Delhi Police) काफी तेजी के साथ कार्रवाई कर रही है. आज आफताब अमीन पूनावाला का आज नार्को टेस्ट होना था लेकिन नहीं हो सका. इस बीच अब पुलिस की मांग पर साकेत कोर्ट ने आफताब का नार्को टेस्ट (Aftab Narco Test) करने से पहले पॉलीग्राफ टेस्ट करने की मांग स्वीकार कर ली है. 

आफतबा के नार्को टेस्ट को लेकर हुई देरी को लेकर FSL के असिस्टेंट डायरेक्टर पुनीत पूरी ने कहा है कि नार्को टेस्ट के माध्यम से आरोपी से पूछताछ की जाती है. नार्को टेस्ट में करीब 3 से 4 घंटे लगता है. यह जांच पुलिस को लीड देने के लिए होता है. वहीं, FSL के असिस्टेंट डायरेक्टर एसके गुप्ता नवे कहा कि नार्को टेस्ट से पहले मेडिकल टेस्ट और पॉलीग्राफ होगा. इसके बाद नार्को टेस्ट किया जाएगा. अब पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए कोर्ट ने अनुमति दे दी है.

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कोर्ट नार्को टेस्ट की दे चुका है मंजूरी

दरअसल, जांच में मदद से लेकर आफताब के सच-झूठ का पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस ने नार्को टेस्ट की परमिशन मांगी थी. साकेत कोर्ट ने 5 दिन के अंदर इस टेस्ट को करने की अनुमति दी थी. इस टेस्ट के लिए कोर्ट ने रोहिणी फॉरेंसिक साइंस लैब को  जिम्मेदारी दी है. इस लैब में ही आफताब का नार्को टेस्ट किया जाएगा. हालांकि अब पुलिस का कहना है कि नार्को टेस्ट से पहले आवश्यक है कि पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाए इसके चलते ही कोर्ट ने पुलिस को हरी झंडी दी है.

नार्को टेस्ट क्यों है जरूरी

नार्को टेस्ट के बारे में बात करते हुए फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. रजनीश ने कहा कि नार्को टेस्ट सच को बाहर लाने का तरीका है. जानकारी के अनुसार नार्को टेस्ट में आरोपी सही बोलता है, जिससे पुलिस जांच करने में सबसे ज्यादा आसानी होती है और का सबूत जुटाने भी सहयता मिलती है.

इस केस में दिल्ली पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि यह केस 6 महीने पहले हुआ था. ऐसे में फॉरेंसिक अधिकारियों समेत दिल्ली पुलिस का पूरा फोकस जल्द से जल्द सबूत जुटाने का क्योंकि  कोर्ट में आफताब के जुर्म साबित करने के लिए सबूतों का आवश्यकता होगी.

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