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पूजा खेडकर पर UPSC का बड़ा एक्शन, IAS की उम्मीदवारी रद्द, अब भविष्य में नहीं दे पाएंगी एग्जाम

IAS Pooja Khedkar News: यूपीएससी ने पूजा खेडकर की परीक्षा की उम्मीदवारी की रद्द कर दी है. साथ ही सभी परीक्षाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. खेडकर भविष्य में किसी भी तरह की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगी.

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पूजा खेडकर पर UPSC का बड़ा एक्शन, IAS की उम्मीदवारी रद्द, अब भविष्य में नहीं दे पाएंगी एग्जाम

IAS Pooja Khedkar

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IAS पूजा खेडकर पर यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने बड़ा एक्शन लिया है. यूपीएससी ने बुधवार को पूजा खेडकर की IAS की उम्मीदवारी रद्द कर दी है. साथ ही यूपीएससी ने भविष्य में किसी भी तरह की परीक्षा देने या चनय में शामिल होने पर रोक लगा दी है. पूजा खेडकर अब न आईएएस रहेंगी और न ही भविष्य में कोई परीक्षा दे सकेंगी. UPSC ने कहा कि सभी रिकॉर्ड की जांच करने के बाद यह पता चला है कि उन्होंने CSE-2022 नियमों का उल्लंघन किया हैं.

यूपीएससी ने हाल हीमें IAS पूजा खेडकर के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था. नोटिस में पूछा गया था कि क्यों न उनकी सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उम्मीदवारी रद्द की जाए. कमीशन ने सीएसई के पिछले 15 वर्षों का डेटा रिव्यू किया, जिसमें 15,000 से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल थे. 

नाम-पता और सिग्नेचर बदलने का आरोप
यूपीएससी ने कहा कि पूजा खेडकर ने अपना नाम, माता-पिता का नाम, एड्रेस और सिग्नेचर बदलकर सिविल सर्विस का एग्जाम दिया. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी IT एक्ट और डिस्बिलटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था.

खेडकर पर पहचान छुपाने के साथ-साथ OBC और विकलांगता कोटे के दुरुपयोग करने का भी आरोप लगा है. 16 जुलाई को पूजा खेडकर की IAS की ट्रेनिंग रोक दी गई थी. इसके बाद उन्हें वापस मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA) बुला लिया गया था. लेकिन 23 जुलाई को डेडलाइन खत्म होने तक भी वह नहीं पहुंचीं.


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पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लटकी तलवार
दिल्ली की एक अदालत पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत अर्जी पर 1 अगस्त को फैसला सुना सकती है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जंगला ने बुधवार को खेडकर द्वारा दायर अर्जी पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया. उन्होंने अपने वकील के माध्यम से दायर अर्जी में दावा किया कि उन्हें गिरफ्तारी का आसन्न खतरा है. कार्रवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के साथ-साथ संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से उपस्थित हुए वकील ने अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने व्यवस्था को धोखा दिया है.’ 

यूपीएससी की ओर से पेश वकील ने अदालत के समक्ष दावा किया, ‘उन्होंने (खेडकर) कानून और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है. उनके द्वारा कानून का दुरुपयोग करने की आशंका अभी भी बनी हुई है. वह एक साधन संपन्न व्यक्ति हैं.

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