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Vande Bharat Express में सफर का मजा होगा दोगुना, अब सोते हुए यात्रा कर सकेंगे लोग

देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस में अब नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं जो कि यात्रियों की सुविधाओं में इजाफा करेंगे.

Vande Bharat Express में सफर का मजा होगा दोगुना, अब सोते हुए यात्रा कर सकेंगे लोग
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डीएनए हिंदी: 15 अगस्त 2023 तक मोदी सरकार (Modi Government) की प्लानिंग है कि देश में करीब 75 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें (Vande Bharat Express) चलाई जाएं. इसके अलावा 400 वंदे भारत ट्रेनें चलाने का लक्ष्य भी रखा गया है. सबसे तेज चलने वाली वंदे भारत को लेकर लोगों में विशेष आकर्षण देखने को मिलता है. अहम बात यह है कि अभी तक इस ट्रेन में चेयर कार ही होती थी, इसके चलते लोग बैठकर यात्रा करते थे, लेकिन अब रेलवे इसमें स्लीपर बर्थ (Sleeper Berth Vande Bharat Train) वाले कोच लगाने की तैयारी कर रहा है, जो कि ट्रेन से सफर करने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खबर है.

दरअसल, रेलवे बोर्ड (Indian Railway Board) के सूत्रों ने बताया है कि रेल मंत्रालय इस ट्रेन के लिए स्लीपर कोच (Sleeper Coach) की व्यवस्था कर रहा है. इसके लिए ट्रेन के स्लीपर रैक (Sleeper Rack) तैयार करने के आर्डर जारी होने वाले है. जब ये रैक बनकर आएंगे, तब इनको ट्रेन में जोड़ दिया जाएगा. ऐसे में इन कोच के लगने से यात्री लेटकर सोते हुए यात्रा कर पाएंगे. 

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स्लीपर वंदे भारत का बड़ा है प्रोजेक्ट

जानकारी के मुताबिक वंदे भारत ट्रेन या ट्रेन-18 के लिए अब तक 300 नए रैक के आर्डर दिए जा चुके है, जिस पर तेजी से काम चल रहा है. खबरें यह भी हैं कि इन तीन सौ में से 200 रैक चेयर कार और 100 रैक स्लीपर कोच वाले होंगे. रेलवे सूत्रों का कहना है कि नई तरह के वंदे भारत के हर ट्रेन या रैक की कीमत लगभग 113 करोड़ रुपये के करीब हो सकती है जो कि एक बड़ा रेलवे प्रोजेक्ट माना जा रहा है.

कंपनियों से बनवाई जा रही है ट्रेन

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब पूरी ट्रेन ही बाहर से बनवाई जा रही है. भारतीय रेल पहले भी बाहर के मैन्यूफैक्चरर्स से ट्रेन के डिब्बे, माल डिब्बे और इंजन तक बनवा चुका है. इन कंपनियों को वंदे भारत ट्रेन की तकनीक का ब्ल्यू प्रिंट दिया है जिससे ये काम तेजी के साथ कर सके. इन कंपनियों से 400 वंदे भारत ट्रेन सेट खरीदे जाएंगे क्योंकि सरकार की निगाह अपने 400 वंदे भारत ट्रेने चलाने के टारगेट को पूरा करना है. 

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गौरतलब है कि पहले साल 18 स्लीपर वंदे भारत ट्रेन सेट बनाएं जाएंगे. वहीं दूसरे साल में 24 स्लीपर ट्रेन सेट जबकि तीसरे साल 30 ट्रेन सेट की मैन्यूफैक्चरिंग और सप्लाई होगी. इसी तरह हर साल वंदे भारत के स्लीपर वेरिएंट के कम से कम 30 ट्रेन सेट बनाए जाएंगे जिससे लोगों का हाईस्पीड ट्रेन में सफर करने का एक्सपीरियंस और बेहतर हो. 

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