महाराष्ट्र के नासिक में पानी की समस्या (Nashik Water Crisis) से परेशान स्थानीय लोगों और महिलाओं ने सड़क पर बैठकर शुरू कर दिया धरना-प्रदर्शन.
हर साल पानी की कमी के चलते नासिक के कई तालुकों के गावों को पीने के पानी की समस्या से दो-चार होना पड़ता है. इस साल भी भीषण गर्मी के चलते पानी की कमी हो गई है. प्रशासन की ओर से पानी का कोई इंतजाम न होने से परेशान स्थानीय लोगों ने कई जगहों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. लोगों की मांग है कि उनके लिए पीने के पानी का इंतजाम किया जाए.
1.महिलाओं ने शुरू किया धरना प्रदर्शन
नासिक के तिराडशेत गांव में पानी की कमी के चलते विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. लगातार पानी की समस्या बनी हुई है और कोई समाधान नहीं निकल रहा है. अब स्थानीय महिलाएं पानी के मटके लेकर सड़क पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
2.50 सालों में नहीं पहुंचा पानी
स्थानीय लोगों ने कहा कि नासिक शहर के पास होने के बावजूद पिछले 50 सालों में हमारे गांव में पानी का इंतजाम नहीं हो पाआ है. हर दिन पानी लाने के लिए महिलाओं को काफी दूर जाना पड़ता है. हम में से ज्यादातर लोग मजदूर हैं और अभी भी हम काम पर जाने के बजाय पानी ही लाते रह जाते हैं.
3.जल जीवन मिशन के तहत हो रही गांवों की पहचान
नासिक के जिलाधिकारी गंगारतन ने कहा, 'जल जीवन मिशन के तहत हम जिले के उन गांवों की पहचान कर रहे हैं जो पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. पानी की सप्लाई का काम चल रहा है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा. हमने अभी के लिए गांववालों के लिए अस्थायी इंतजाम करवा दिया है.'
4.जान जोखिम में डालती हैं महिलाएं
नासिक के कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या इतनी है कि महिलाओं को काफी दूर तक पैदल चलना पड़ता है. इतना ही नहीं पीने के पानी के लिए महिलाओं को कई जगहों पर गहरे कुओं में उतरना पड़ता है और गहरे कुओं से पानी खींचना पड़ता है.
5.बेहद कम और गंदा मिलता है पानी
नासिक में कई गहरे कुओं में पानी इतना कम है कि उसे निकाल पाना मुश्किल होता है. महिलाएं किसी तरह से कुओं से जो पानी निकालती भी हैं वह भी कई बार बेहद गंदा होता है. स्थानीय लोगों को पानी पीने के लिए उसे अलग-अलग तरीकों से छानना पड़ता है.
6.नासिक के कई गांव पानी के लिए परेशान
नासिक में पानी की समस्या कोई नई नहीं है. हर साल गर्मी के महीनों में नासिक के कई गांवों में पानी की गंभीर समस्या होती है. इस साल भी त्रयंबकेश्वर तालुका के कई गावों और मराठवाड़ा और विदर्भ के इलाकों में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं.