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Tirupati laddu विवाद को 10 पॉइंट्स में समझें

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. बीते कुछ दिनों से लगातार इस पर राजनीतिक बयानबाजी चल रही है.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बीते दिनों राज्य की पिछली सरकार YSRCP पर आरोप लगाया था कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस बयान के बाद देशभर में आक्रोश देखने को मिला. हालांकि,  YSRCP पार्टी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. मंदिर में जानवरों की चर्बी का मामला कैसे शुरू हुआ आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं.  
 

1.इस तारीख से शुरू हुआ विवाद

इस तारीख से शुरू हुआ विवाद
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तिरुपति लड्डू विवाद बुधवार यानी 18 सितंबर से शुरू हुआ. राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछली YSRCP सरकार पर आरोप लगाया कि उनके पहले जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की अनुमति दी थी.  



2.लैब रिपोर्ट में हुए खुलासे

लैब रिपोर्ट में हुए खुलासे
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गुरुवार को तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने NDDB द्वारा संचालित लैब रिपोर्ट जारी की, जिसमें कथित तौर पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा भेजे गए घी के नमूनों में जानवरों की चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि की गई. TTD तिरुपति वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करती है. लैब रिपोर्ट में फिश ऑयल, बीफ टैलो (गाय और भैंस का मांस),  लार्ड (सुअर के मांस तैयार फैट) की पुष्टि हुई. 



3.ठेकेदार को किया ब्लैकलिस्ट

ठेकेदार को किया ब्लैकलिस्ट
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शुक्रवार को टीटीडी की कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने कहा कि लैब परीक्षणों में चुने गए नमूनों में जानवरों की चर्बी और 'लार्ड' की की मौजूदगी का पता चला है और बोर्ड उस ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया में है जिसने 'मिलावटी' घी की आपूर्ति की थी.  शनिवार को प्रमुख भारतीय डेयरी ब्रांड अमूल ने खुद पर लगने वाले आरोपों पर स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कंपनी ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी की आपूर्ति में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है. 



4.पिछले साल दिया था 5 कंपनियों को ठेका

पिछले साल दिया था 5 कंपनियों को ठेका
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जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने पिछले साल जुलाई 2023 में घी की सप्लाई का ठेका 5 कंपनियों को दिया था. जिन पांच कंपनियों को ठेका मिला उनमें से एक तमिलनाडु की कंपनी को इस साल मई में घी की सप्लाई के लिए नया टेंडर मिला. इस कंपनी ने 10 टैंकर्स में घी की सप्लाई की. इनमें से 6 टैंकर का इस्तेमाल हो चुका था. 



5.लैब जांच में आई बीफ के इस्तेमाल की बात

लैब जांच में आई बीफ के इस्तेमाल की बात
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जब आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की जगह चंद्रबाबू नायडू की सरकार आई और लड्डु की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की गई तो सरकार ने दो टैंकर घी इस्तेमाल होने से रोक दिया. इस घी का सैंपल लैब में जांच के लिए भेजा गया, जिसमें बीफ टैलो और लार्ड जैसी जानवरों की चर्बी की बात सामने आई है.  एसएमएस लैब सर्विस की रिपोर्ट इसी साल जून महीने की है.



6.पूर्व सीएम ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

पूर्व सीएम ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
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पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने ना सिर्फ आरोपों को खारिज किया है बल्कि उनकी पार्टी YSR कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जगन मोहन रेड्डी ने सीएम चंद्रबाबू नायडू के आरोपों की जांच के लिए एक न्यायिक कमेटी गठित करने की मांग की है. कोर्ट इस पर 25 सितंबर को सुनवाई करेगा 



7.साधु-संतों में नाराजगी

साधु-संतों में नाराजगी
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तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी वाली खबर के बाद से वाराणसी से लेकर अयोध्या तक के साधु संत क्रोध में हैं.
 



8.'सनातन धर्म रक्षण बोर्ड 'का गठन

'सनातन धर्म रक्षण बोर्ड 'का गठन
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आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल की गई अपवित्र सामग्री पर नाराजगी जताई है.  कल्याण ने शुक्रवार को कहा कि अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करने के  लिए राष्ट्रीय स्तर पर अविलंब ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ का गठन किया जाए. 



9.केंद्र सरकार भी आई एक्शन में

केंद्र सरकार भी आई एक्शन में
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तिरुपति मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डू में प्रयुक्त कच्चे माल को लेकर चल रहा विवाद शुक्रवार को उस समय भड़क गया जब केंद्र ने सामग्री पर रिपोर्ट मांगी और आंध्र प्रदेश सरकार ने संवेदनशील धार्मिक मुद्दे को लेकर पूर्ववर्ती प्रशासन पर निशाना साधा.
 



10.अब उठ रहे कई सवाल

अब उठ रहे कई सवाल
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तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम (TTD) ने 12 मार्च 2024 को घी की खरीद का टेंडर निकाला था, जिसमें 8 मई को टेंडर फाइनल हुआ, जिसके बाद तमिलनाडु की एआर डेयरी को ये आर्डर मिला, क्योंकि इस कंपनी 319 रुपए किलो गाय का शुद्ध घी का प्राइस कोट किया था. चंद्रबाबू नायडू सरकार ने ये भी सवाल उठाया कि कंपनी इतने सस्ते दामों में घी क्यों बेच रही थी? पिछली सरकार पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.



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