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समान नागरिक संहिता पर केंद्र को मिला AAP का साथ, कांग्रेस ने फिर बनाई दूरी, चिंदबरम ने कही ये बात

आम आदमी पार्टी ने समान नागरिक संहिता पर केंद्र सरकार की मदद करने के लिए तैयार है. AAP ने कहा है कि इसे व्यापक विचार-विमर्श के बाद आम-सहमति से लाया जाना चाहिए.

समान नागरिक संहिता पर केंद्र को मिला AAP का साथ, कांग्रेस ने फिर बनाई दूरी, चिंदबरम ने कही ये बात

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो- Twitter/AAP)

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डीएनए हिंदी: समान नागरिक संहिता (UCC) पर एक बार फिर सियासत तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी (AAP) अब नरेंद्र मोदी सरकार को इस मुद्दे पर समर्थन देती नजर आ रही है. आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह UCC का सैद्धांतिक तौर पर समर्थन करती है. आम आदमी पार्टी ने कहा है कि इस कानून को, आपसी सहमति और गहन विचार-विमर्श के बाद लाना चाहिए. वहीं कांग्रेस समान नागरिक संहिता पर केंद्र के विरोध में है.

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि एजेंडा आधारित बहुसंख्यक सरकार इसे लोगों पर थोप नहीं सकती क्योंकि इससे लोगों के बीच विभाजन बढ़ेगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी, महंगाई और घृणा अपराध जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए समान नागरिक संहिता की वकालत कर रहे हैं.

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कांग्रेस ने क्या दी बीजेपी को नसीहत?

पी चिदंबरम ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी समान नागरिक संहिता का इस्तेमाल समाज के ध्रुवीकरण के लिए कर रही है. प्रधानमंत्री ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि यूसीसी साधारण प्रक्रिया है. उन्हें पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए जिसमें कहा गया है कि यह इस वक्त सुसंगत नहीं है.

BJP के प्रमुख मुद्दों में शामिल है UCC

समान नागरिक संहिता लंबे समय से BJP के तीन प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक रही है, जिसमें दूसरा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण है. विधि आयोग ने 14 जून को यूसीसी पर नए सिरे से विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की थी. राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से राय मांगी थी.

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पीएम मोदी की बात पर विहिप ने क्या कहा?

विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल अपने संबोधन में समान नागरिक संहिता बनाने पर बल दिया. इसका कुछ राजनीतिक दलों और मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं ने विरोध किया है. विश्व हिन्दू परिषद प्रधानमंत्री की बात से सहमत है. संविधान के अनुच्छेद 44 में सभी सरकारों को यह निर्देश दिया गया है कि वह एक समान नागरिक संहिता बनाने का प्रयास करें.'

क्या है मु्स्मिल संगठनों की राय?

देश में मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिक संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बैठक कर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विरोध जारी रखने का निर्णय लेते हुए कहा है कि वह इस सिलसिले में विधि आयोग के सामने अपनी दलीलों को और जोरदार ढंग से पेश करेगा.

पीएम मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कहा क्या था?

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में आयोजित भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता की जोरदार वकालत करते हुए आरोप लगाया था कि इस संवेदनशील मुद्दे पर मुसलमानों को भड़काया जा रहा है. उन्होंने दलील दी थी की दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? एक परिवार में दो कानून नहीं चल सकते. (इनपुट: भाषा)

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