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Allahabad HC का फैसला- Divorced Muslim महिला दूसरी शादी करने से पहले तक ले सकती हैं गुजारा भत्ता

साल 2008 में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया यह अहम फैसला.

Allahabad HC का फैसला- Divorced Muslim महिला दूसरी शादी करने से पहले तक ले सकती हैं गुजारा भत्ता

High Court

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डीएनए हिंदी: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्किल महिलाओं के हक में एक अहम फैसला सुनाया है. इस फैसले के मुताबिक तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है. वह 'इद्दत' के बाद दूसरी शादी होने तक गुजारा-भत्ता प्राप्त करने का अधिकार है. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो वह अदालत में इसे लेकर मांग कर सकती हैं. 

यह आदेश जस्टिस करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने एक मुस्लिम महिला की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान पारित किया. साल 2008 में दाखिल इस याचिका में  11 अप्रैल 2008 में प्रतापगढ़ के एक सत्र न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी.

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हाई कोर्ट ने सत्र अदालत के इस फैसले को निरस्त करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शबाना बानो मामले में 2009 में दिए गए निर्णय के बाद यह तय हो चुका है कि मुस्लिम तलाकशुदा महिला धारा 125 सीआरपीसी के तहत 'इद्दत' की अवधि के पश्चात भी गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी है, जब तक वह दूसरी शादी नहीं कर लेती.

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