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Indian Railways: रेल सफर में सामान हुआ चोरी तो जिम्मेदारी किसकी?, पढ़ें कंज्यूमर कोर्ट का अहम फैसला

Railway News: चंडीगढ़ के कंज्यूमर कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि ट्रेन के रिजर्वेशन कंपार्टमेंट में सुरक्षा रेलवे का दायित्व है. कोर्ट ने एक मामले में रेलवे मंत्रालय पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

Indian Railways: रेल सफर में सामान हुआ चोरी तो जिम्मेदारी किसकी?, पढ़ें कंज्यूमर कोर्ट का अहम फैसला

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डीएनए हिंदी: यदि आप बाकायदा रिजर्वेशन कराकर ट्रेन से सफर कर रहे हैं तो सामान को आराम से रखकर अगली बार बेधड़क सो सकते हैं. आपके सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की है. कम से कम चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट (Chandigarh Consumer Court) ने अपने एक फैसले में यही साबित किया है. चंडीगढ़ स्टेट कंज्यूमर कमीशन ने कहा है कि यदि रिजर्वेशन कंपार्टमेंट से यात्री का सामान चोरी होता है तो उसकी भरपाई करने की जिम्मेदारी रेलवे की है, क्योंकि कंपार्टमेंट के अंदर सुरक्षा मुहैया कराना रेलवे का दायित्व है. कंज्यूमर कोर्ट ने यह फैसला ट्रेन कंपार्टमेंट के अंदर पर्स छीनने के एक मामले में सुनवाई करते हुए दिया है. 

रेलवे को दिए भरपाई के आदेश, जुर्माना भी लगाया

चंडीगढ़ स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन (Chandigarh State Consumer Disputes Redressal Commission) ने रेलवे को पीड़ित के नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी जमा कराने को कहा है. रेलवे के कुल 1.55 लाख रुपये जमा कराने होंगे.

यह था पूरा मामला

चंडीगढ़ सेक्टर-28 निवासी रामवीर और उनकी पत्नी ममता वर्मा 5 नवंबर, 2018 को गोवा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से सफर कर रहे थे. वे इस ट्रेन से चंडीगढ़ से दिल्ली आ रहे थे. इस दौरान अंबाला रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के रिजर्व कंपार्टमेंट के अंदर एक लुटेरे ने ममता का पर्स छीन लिया. पर्स में उनकी सोने की चेन, मोबाइल फोन, 9,500 रुपये और कुछ दस्तावेज थे. उन्होंने इसके लिए रेलवे से मुआवजा मांगा, लेकिन रेलवे ने इसे आपराधिक मामला बताकर इनकार कर दिया. 

लड़नी पड़ी चार साल लंबी लड़ाई

रामवीर ने रेलवे के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कोर्ट में याचिका दाखिल की. डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया. इसके बाद रामवीर ने स्टेट कमीशन के सामने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले को चुनौती दी. वहां करीब 4 साल लंबी लड़ाई लड़ने के बाद उनके पक्ष में फैसला सुनाया गया है. 

टीटीई को दी थी संदिग्ध लोगों की जानकारी, नहीं हुई थी कार्रवाई

रामवीर ने कंज्यूमर कोर्ट को बताया था कि उन्होंने ट्रेन के कंपार्टमेंट में लगातार संदिग्ध लोगों के घूमने की जानकारी टीटीई को दी थी. टीटीई ने उनकी बात अनसुनी कर दी. इन्हीं संदिग्ध लोगों में से एक ने अंबाला रेलवे स्टेशन पर उनकी पत्नी के पर्स को छीना था. इसके बाद अपने फैसले में कंज्यूमर कमीशन ने कहा कि ट्रेन के अंदर यात्री के साथ ही उसके सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी रेलवे की है. रेलवे मंत्रालय को रामवीर के नुकसान के लिए करीब 1.08 लाख रुपये का मुआवजा चुकाने का आदेश दिया है. साथ ही रेलवे मंत्रालय पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

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