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Kanjhawala Case: रोज नई थ्योरी, झूठ के जाल में उलझी पुलिस, क्या इन 6 सवालों का सच आएगा सामने?

Sultanpuri Accident Case: अंजलि की मौत के मामले को 7 दिन बीत चुके हैं लेकिन दिल्ली पुलिस अभी तक मामले का पूरी तरह से खुलासा नहीं कर पाई है.

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डीएनए हिंदी: दिल्ली के कंझावला केस (Kanjhawala Death Case) में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. लेकिन इन खुलासों से अंजलि केस सुलझने की बजाय उलझता ही जा रहा है. घटना को 7 दिन बीत चुके हैं लेकिन पुलिस अभी तक मामले का पूरी तरह से खुलासा नहीं कर पा रही है. पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपी गिरफ्तार किया था, जबकि सातवें आरोपी अंकुश खन्ना ने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया. इस मामले में 6 ऐसे सवाल हैं, जिनकी गुत्थी दिल्ली पुलिस अभी तक नहीं सुलझा पाई है.

एक्सीडेंट के वक्त कार कौन चला रहा था?
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपी दुर्घटना के समय आशुतोष और अंकुश खन्ना कार में नहीं थे लेकिन उन्होंने पुलिस के सामने झूठे बयान देकर गिरफ्तार आरोपियों की मदद की. पुलिस का कहना है कि अब तक बताया जा रहा था कि दुर्घटना के समय कार को दीपक चला रहा था लेकिन जांच में सामने आया है कि वह उस समय घर पर मौजूद था. इस बात का खुलासा सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के माध्यम से हुआ है. 

ये भी पढ़ेंः Kanjhawala Case: अंजलि हॉरर केस का 6वां आरोपी आशुतोष भी गिरफ्तार, क्या अब सामने आएगा सच

घटना की रात पुलिस ने एक्शन लेने में देरी क्यों की?
अंजलि के परिवार ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि चश्मदीद ने दावा किया कि पुलिस PCR को लगातार कई बार कॉल की गई. लेकिन पुलिस ने दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाई? परिवार इसे निर्भया जैसी हत्या बता रहे हैं. जबकि पुलिस इसे एक्सीडेंट बता रही है. हालांकि, जब पुलिस ने खुद चौतरफा घिरा देखा, तो मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा जोड़ी गई.

एक्सीडेंट के वक्त कार में कितने लोग थे?
5 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फेंस करके बताया कि वारदात के वक्त दीपक नहीं अमित कार चला रहा था. साथ ही यह भी दावा किया कि मामले में आरोपी पांच नहीं बल्कि सात हैं. दो अन्य आरोपी आशुतोष और अंकुश खन्ना भी गाड़ी में मौजूद थे.अंकुश आरोपी दीपक का भाई है. पुलिस ने बताया कि अमित के पास लाइसेंस नहीं था. इसलिए दीपक ने ये बयान दिया कि कार वह चला रहा था. 

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पुलिस से क्यों बोला झूठ?
स्पेशल सीपी सागर पी हुड्डा का कहना है कि अमित के साथ ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था जबकि दीपक के पास लाइसेंस था. इसलिए उसके दीपक ने पुलिस से कहा कि कार वह चला रहा था. पुलिस ने इस मामले में पहले दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल के खिलाफ आपराधिक साजिश, गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया. बाद में आशुतोष और अंकुश को भी आरोपी बनाया गया. पुलिस आशुतोष को भी गिरफ्तार कर चुकी है.

निधि की भूमिका पर सस्पेंस?
मामले की जांच के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा है. इसमें अंजलि एक के साथ एक और लड़की नजर आ रही है. पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वह लड़की अंजलि की दोस्त निधि थी. निधि को पुलिस ने इस मामले में चश्मदीद भी बनाया है. निधि का दावा है कि अंजलि नशे में थी. दोनों के बीच स्कूटी चलाने को लेकर झगड़ा हुआ था. अंजलि ने कहा कि वह स्कूटी चलाएगी. लेकिन निधि नशे में होने की वजह से उसे मना कर रही थी. जबकि अंजलि के परिवार का कहना है कि वह शराब नहीं पीती थी.

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