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DNA Exclusive: साइकिल पर घूमने से लेकर अमेठी में कांग्रेस के 'सीक्रेट वैपन' तक, पढ़ें केएल शर्मा की इनसाइड स्टोरी

DNA Exclusive: अमेठी में ग्राउंड विजिट के दौरान DNA ने महूसस किया है कि किशोरी लाल शर्मा जनता के लिए नया नाम नहीं हैं. अमेठी में उनकी अपनी एक पहचान है.

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DNA Exclusive: कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता स्मृति ईरानी के सामने किशोरी लाल शर्मा का नाम घोषित किया तो सभी ने इसे सरप्राइज मूव माना था. बहुत सारे लोगों को इस घोषणा से शॉक लगा था, क्योंकि यह माना जा रहा था कि स्मृति ईरानी से 2019 में चुनाव हार गए राहुल गांधी ही इस सीट पर अपना भाग्य दोबारा आजमाने उतरेंगे. इसके उलट कांग्रेस ने अपने 'सीक्रेट वैपन' की तरह ऐन मौके पर अमेठी से किशोरी लाल शर्मा का नाम घोषित कर सभी को चौंका दिया है. 

नया नहीं है अमेठी के लिए केएल शर्मा का नाम

अमेठी में अपनी ग्राउंड विजिट के दौरान DNA ने महसूस किया कि किशोरी लाल शर्मा यहां के लिए नया नाम नहीं हैं. स्थानीय जनता और अमेठी की राजनीति को जानने वाले लोग अच्छी तरह जानते हैं कि केएल शर्मा कौन हैं. बहुत सारे लोगों ने DNA से कहा कि उन्हें वे दिन याद हैं, जब वह (केएल शर्मा) अमेठी में एक साइकिल पर घूमा करते थे. ज्यादातर लोग उन्हें एक आम आदमी और वफादार पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर जानते हैं.

राजीव से सोनिया तक, सभी से जुड़े रहे हैं करीब से

स्थानीय लोग केएल शर्मा को उनके बढ़िया व्यवहार के लिए तब से जानते हैं, जब वे पहली बार अमेठी आए थे. पंजाब के लुधियाना के मूल निवासी केएल शर्मा का कांग्रेस के साथ जुड़ाव तब शुरू हुआ था, जब उन्होंने पहली बार पू्र्व प्रधानमंत्री व कांग्रेस नेता राजीव गांधी के लिए करना शुरू किया था. 1991 में राजीव गांधी के निधन के बाद वे अमेठी में कांग्रेस नेता कैप्टन सतीश शर्मा के साथ काम करने लगे. उन्होंने अमेठी में सोनिया गांधी के साथ भी बेहद करीबी हैसियत में काम किया है. जब 1999 में सोनिया गांधी ने यहां से चुनाव लड़ा था तो वे ही उनके संसदीय क्षेत्र के प्रभारी थे. कुछ साल बाद उन्होंने अमेठी और रायबरेली, दोनों संसदीय सीट के प्रभारियों के तौर पर भी काम किया था. बाद में वे सोनिया गांधी के अमेठी सीट खाली कर रायबरेली जाने के बाद उनके ही साथ चले गए थे.

अमेठी से दावेदारी घोषित होने पर खुद हैरान थे शर्मा

ज्यादातर लोग नहीं जानते होंगे कि कांग्रेस के अमेठी से अपना नाम घोषित करने पर खुद केएल शर्मा भी हैरान थे. सूत्रों ने DNA से कहा कि घोषणा के बाद वे करीब 2 घंटे तक कमरे से बाहर नहीं निकले, क्योंकि वे अपना नाम लिस्ट में होने की उम्मीद नहीं लगा रहे थे. कांग्रेस और खासतौर पर गांधी परिवार से उनके अभियान के लिए कोई कमी नहीं छोड़ने की संभावना लगाई जा रही है क्योंकि उनका मानना है कि शर्मा इस बार स्मृति ईरानी को हरा सकते हैं और गांधी परिवार का गढ़ उन्हें लौटा सकते हैं.

प्रियंका गांधी करेंगी अमेठी में शर्मा का प्रचार

सूत्रों ने DNA से कहा कि प्रियंका गांधी खुद इस बार प्रचार में अपनी पूरी ऊर्जा झोंकने जा रही हैं. फिलहाल प्रियंका रायबरेली में अपने भाई राहुल गांधी के लिए प्रचार में जुटीं हैं, लेकिन आगामी दिनों में उन्होंने अमेठी पहुंचने और गांधी परिवार के वफादार केएल शर्मा के लिए कैंपेनिंग करने की पूरी तैयारी की हुई है. 

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