Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Malnutrition Risk: दुनिया पर मंडरा रहा कुपोषण का खतरा, भारत में लाखों बच्चों की जान पर संकट

Malnutrition Risk: यूनिसेफ ने दुनिया के कई देशों में बढ़ते कुपोषण संकट पर चिंता जताई है. पढ़ें अनुष्का गर्ग की रिपोर्ट.

Malnutrition Risk: दुनिया पर मंडरा रहा कुपोषण का खतरा, भारत में लाखों बच्चों की जान पर संकट

दुनिया के कई देशों में मंडरा रहा है कुपोषण का खतरा. (सांकेतिक तस्वीर)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: आर्थिक विकास की दौड़ में जहां एक तरफ विकसित देश हर दिन नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं वहीं कई देशों के लोग आज भी कुपोषण (Malnutrition) की समस्या से जूझ रहे हैं. कुछ देशों में खाद्य संकट की समस्या जस की तस बनी हुई है. शरीर के लिए जरूरी संतुलित आहार बच्चों तक नहीं पहुंच पा रहा है जिसकी वजह से उनकी जान पर खतरा मंडरा रहा है.

यूनाइटेड नेशन चिल्ड्रन फंड (UNICEF) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कुपोषित बच्चों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. यूनिसेफ के मुताबिक, रूस-यूक्रेन जंग, कोरोना वायरस और जलवायु परिवर्तन की वजह से कुपोषित बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. दुनिया भर में फैले ग्लोबल फूड क्राइसिस (Food Crisis) से लाखों बच्चों की मौत हो रही है.

Ukraine War की वजह से बच्चों में कुपोषण का बढ़ रहा खतरा: यूनिसेफ
 
कुपोषण पर क्या है यूनीसेफ की सलाह?

यूनीसेफ के मुताबिक कुपोषित बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए उनके इलाज में इस्तेमाल होने वाली लागत में 16 फीसदी का इजाफा हो सकता है. इतना ही नहीं रेडी-टू-यूज थेराप्यूटिक फूड (RUTF) के लिए जरूरी कच्चे माल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते भी बच्चों की जान बचाने पर असर पड़ सकता है.

दुनियाभर में मंडरा रहा है खाद्यान्न संकट

यूनीसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूनीसेफ कुपोषित बच्चों को एक खास फूड पैकेट देता है. इसमें बच्चों के भरपूर पोषक तत्व जैसे मूंगफली, तेल और शुगर से बनी चीजें होती हैं. इस खास फूड पैकेट के एक बॉक्स में 150 पैकेट होते हैं. ये पैकेट गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए काफी सेहतमंद होते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, पहले इस फूड पैकेट की कीमत 3100 रुपये होती थी. दुनियाभर में चल रहे फूड क्राइसिस के चलते इसकी कीमत में 16 फीसदी तक का उछाल आया है.

भारत में 33 लाख से भी ज्यादा बच्चे कुपोषित

भारत में कुपोषण का खतरा काफी बढ़ गया है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 6 से 23 महीनों की शुरुआती उम्र के करीब 89 प्रतिशत बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता है. साल 2021 में एक आरटीआई में पता चला कि भारत में 33 लाख से भी ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं. ऐसे में इन दिनों जारी ग्लोबल फूड क्राइसेस से भारत के लाखों बच्चों की जान भी खतरे में पड़ सकती है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए  हिंदी गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement