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Nagaland CM Nephiu Rio: 5वीं बार सीएम बनने वाले नेफ्यू ने कहां से सीखी इतनी तगड़ी राजनीति?

Nephiu Rio Oath Ceremony: नेफ्यू रियो के साथ नगालैंड की कैबिनेट ने भी शपथ ली है, जिसमें पहली बार एक महिला भी शामिल है.

Nagaland CM Nephiu Rio: 5वीं बार सीएम बनने वाले नेफ्यू ने कहां से सीखी इतनी तगड़ी राजनीति?

Nephiu Rio रिकॉर्ड 5वीं बार नगालैंड के मुख्यमंत्री बने हैं.

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डीएनए हिंदी: नगालैंड में मंगलवार को नए मंत्रिमंडल ने शपथ ग्रहण कर ली है. देश के इस सुदूर उत्तरपूर्वी राज्य में जहां NDPP के नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) ने रिकॉर्ड 5वीं बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की है, वहीं उन्होंने नगालैंड के इतिहास में पहली बार एक महिला विधायक को कैबिनेट में मंत्री के तौर पर शामिल किया है. नगालैंड की राजधानी कोहिमा में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें भाजपा और NDPP गठबंधन की इस सरकार के फिलहाल 9 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है. 

आइए 5 पॉइंट्स में बताते हैं आपको शपथ ग्रहण समारोह और नेफ्यू रियो के बारे में.

1. 15 साल से ज्यादा सत्ता चलाने वाले चंद सीएम में से एक हैं रियो

नगालैंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो लगातार 20 साल से नगालैंड की सत्ता संभाल रहे हैं. वह देश के उन गिने-चुने मुख्यमंत्रियों में से एक हैं, जिन्होंने 15 साल से ज्यादा समय तक सत्ता संभाली है. रियो पहली बार साल 2003 में भाजपा समर्थित नगा पीपल्स फ्रंट (NPF) की सरकार में मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद साल 2008 में कांग्रेस ने उनकी सरकार बर्खास्त करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाया, लेकिन महज 2 महीने बाद हुए चुनाव में रियो की पार्टी फिर जीती और वे फिर से सीएम बनें. इसके बाद साल 2013 में भी उनके नेतृत्व में NPF को जीत हासिल हुई और वे फिर से मुख्यमंत्री बन गए.

साल 2014 में उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए ही लोकसभा चुनाव भी करीब 4 लाख मतों से जीता. अक्टूबर 2017 में उन्होंने NPF छोड़कर नई पार्टी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) का दामन थामा और 2018 में भाजपा के साथ गठबंधन कर सबसे ज्यादा 30 सीट जीतीं. वह चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. इस बार यह गठबंधन 33 सीट जीतने में सफल रहा है और रियो ने इसके साथ ही 5वीं बार सीएम पद पर शपथ ले ली है. रियो इससे पहले ही वेटरन लीडर एससी जमीर का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं, जिन्होंने नगालैंड का 3 बार मुख्यमंत्री के तौर पर नेतृत्व किया था.

2. अंगामी जनजाति के नेता रियो ने पश्चिम बंगाल मे सीखी राजनीति

कोहिमा जिले के तुफेमा गांव में गुलहॉली रियो के यहां 11 नवंबर 1950 को जन्मे नेफ्यू रियो अंगामी नगा जनजाति से आते हैं. उन्होंने राजनीति की कखग पश्चिम बंगाल में सीखी, जब उन्होंने पुरुलिया के सैनिक स्कूल से स्कूलिंग पूरी करने के बाद दार्जिलिंग के सेंट जोसेफ कॉलेज में पढ़ाई की. कोहिमा आर्ट्स कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरी करने वाले रियो ने छात्र संघ के जरिए राजनीति शुरू की. पहली बार उन्हें बड़ा पद साल 1974 में मिला, जब वे कोहिमा जिला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) यूथ विंग के अध्यक्ष बनाए गए. साल 1984 में वे उत्तरी अंगामी क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष बने. साल 1989 में कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा टिकट दिया और वे उत्तरी अंगामी-2 विधानसभा सीट से चुनाव जीते. 

3. तमाम मंत्रालयों को संभालने का अनुभव है रियो के पास

अपने राजनीतिक जीवन में रियो अलग-अलग समय पर विभिन्न मंत्रालयों की कमान संभाल चुके हैं. पहली बार उन्हें खेल व स्कूल शिक्षा मंत्री बनाया गया. इसके बाद वे तकनीकी शिक्षा, कला-संस्कृति, हाउसिंग और आखिर में गृह मंत्री भी रहे. 

रियो ने साल 2002 में तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री एससी जमीर से मतभेद होने पर गृहमंत्री पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन छोड़ा था. इसके बाद उन्होंने NPF के साथ चुनाव जीता और मुख्यमंत्री बनकर कांग्रेस की राज्य में 10 साल से चली आ रही सत्ता का सफर खत्म किया. इसके बाद कांग्रेस नगालैंड में कभी सत्ता में नहीं लौटी है.

4. क्रूज बनीं नगालैंड के इतिहास की पहली महिला मंत्री

नगालैंड की जनता ने इस बार विधानसभा चुनाव में 60 साल में पहली बार दो महिला विधायकों को जिताकर विधायक बनाने का इतिहास रचा था. इस जनादेश का मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने भी ध्यान रखा है. इसी कारण उन्होंने अपनी 9 सदस्यीय कैबिनेट में साल्होउतुआनुओ क्रूज (Salhoutuonuo Kruse) को भी शामिल किया है, जो इस पूर्वोत्तर राज्य में मंत्री बनने वाली पहली महिला विधायक हैं.

मंत्री पद पर शपथ लेने वाले अन्य विधायकों में जी, काइतो अये, जैकब झिमोमी, केजी केन्ये, पी. पाइवांग कोनयाक, मेटसुबो जमीर, तेमजेन इमना अलॉन्ग, सीएल जॉन और पी. बाशंगमोंगबा चांग शामिल हैं. 

5. शाह के साथ पीएम मोदी भी पहुंचे, भाजपा के लिए पूर्वोत्तर की अहमियत समझिए

नगालैंड के साथ ही मंगलवार को मेघालय में भी शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया, जहां कोनराड संगमा ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है. भाजपा इन दोनों ही राज्यों में गठबंधन सहयोगी के तौर पर सरकार में शामिल हुई है. दोनों ही राज्यों के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए और नवगठित मंत्रिमंडल को बधाई दी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व पूर्वोत्तर राज्यों को कितनी अहमियत दे रहा है.

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