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अमेरिका भी नहीं दे रहा PAK का साथ, मसूद की आजादी पर उठाए सवाल

अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान और भारत में आतंक का तांडव मचा रहे आतंकी आकाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है.

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अमेरिका भी नहीं दे रहा PAK का साथ, मसूद की आजादी पर उठाए सवाल
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डीएनए हिंदीः पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की सबसे बड़ी परेशानी वहां पल रहा आतंकवाद है जिसको लेकर आए दिन उसे किसी वैश्विक संस्था या संपन्न राष्ट्र से फटकार झेलनी पड़ती है. पाकिस्तान के झूठ अब ऐसे उजागर हुए हैं कि एक समय पाकिस्तान पर आंख मूंद कर भरोसा करने वाला अमेरिका भी अब पाकिस्तान के आतंकवाद को कोस रहा है. हाल ही में आई अमेरिका की विदेश विभाग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान मसूद अजहर जैसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है.

विफल रहा है  पाकिस्तान 

पाकिस्तान को लेकर अमेरिका पिछले काफी वक्त से आक्रामक है. इस बीच विदेश विभाग की हालिया रिपोर्ट में पाकिस्तान की एक बार फिर अमेरिका ने क्लास लगा दी है. इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वो आतंकवाद को कम करने में विफल साबित हुआ है. इसमें कहा गया, "आतंकवाद को वित्तपोषण देने के खिलाफ कदम उठाए और भारत पर आतंकवादी समूहों को हमले करने से रोक दिया लेकिन उसने संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी और 2008 में हुए मुंबई हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर और साजिद मीर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की."

पाकिस्तान से फैल रहा है आतंक 

इस अमेरिकी रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि पाकिस्तान के जरिए ही अफगानिस्तान में सर्वाधिक आतंक फैलाया जा रहा है. रिपोर्ट में लिखा गया है, "अफगानिस्तान को टारगेट करने वाले समूहों के साथ ही भारत को निशाना बनाने वाले समूह, जिसमें लश्कर और उसके संबद्ध फ्रंट संगठन, और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) शामिल है, सभी ने पाकिस्तानी क्षेत्र से काम करना जारी रखा है."

आजाद घूम रहे मास्टरमाइंड 

अमेरिका ने पाकिस्तान में आराम की जिंदगी जी रहे आतंकियों को लेकर भी पाकिस्तान पर ही हमला बोल दिया है. इस रिपोर्ट में कहा गया, "पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी मसूद अजहर और 2008 के मुंबई हमले के "प्रोजेक्ट मैनेजर" साजिद मीर जैसे अन्य ज्ञात आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. इनके बारे में माना जाता है कि दोनों पाकिस्तान में स्वतंत्र हैं."

पाकिस्तान की बढ़ सकती हैं मुश्किलें 

गौरतलब है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति आतंकी गतिविधियों के कारण बदतर हो चुकी है. यही कारण है FATF ने उसे  ग्रे लिस्ट में डाल रखा है. इसके इतर अब अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की पोल पट्टी खुलना पाकिस्तान के लिए भारी पड़ सकता है क्योंकि अमेरिकी सेना लंबे वक्त तक अफगानिस्तान में  पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का भी सामना कर चुकी है. 

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