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क्या है Saryu Nahar National Project जिसका PM Modi ने किया लोकार्पण?

सरयू परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ लेकिन बजट और विभागों के आपसी सहयोग में देरी की वजह से प्रोजेक्ट 43 साल तक अटका रहा.

क्या है Saryu Nahar National Project जिसका PM Modi ने किया लोकार्पण?

PM Narendra Modi

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डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज उत्तर प्रदेश के बलरामपुर (Balrampur) जिले में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना (Saryu Nahar National Project) का लोकार्पण किया है. इस प्रोजेक्ट को 9,800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. शनिवार को हुए इस कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी मौजूद रहे.

प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक बयान के मुताबिक सरयू नहर नेशनल प्रोजेक्ट का काम साल 1978 में शुरू हुआ था. बजट की कमी, विभागों में बेहतर तालमेल का अभाव और सही निगरानी न होने की वजह से ये प्रोजेक्ट लगातार लटकता रहा और चार दशकों के बाद भी पूरा नहीं हो सका.

साल 2016 में इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana) के तहत लाया गया कि जिससे इसे जल्द से जल्द पूरा किया जा सके. नई नहरों के निर्माण और भूमि अधिग्रहण से संबंधित लंबित मुकदमों (Pending Cases) को निपटाने के भी प्रयास किए गए. यही वजह है कि महज 4 साल में 40 साल से लटका यह प्रोजेक्ट पूरा हो गया है.

सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से जुड़ी हैं कितनी नदियां?

सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का निर्माण कुल 9,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है. पिछले चार वर्षों में 4,600 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि इस परियोजना में पर खर्च की गई. इस परियोजना में क्षेत्र के जल संसाधनों अधिकतम उपयोग तय करने के लिए घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी जैसी पांच सहायक नदियों को जोड़ा गया है.

सरयू नहर नेशनल प्रोजेक्ट

29 लाख किसानों को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक यह परियोजना 14 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएगी. इस योजना से 6200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ मिलेगा. इस प्रोजेक्ट से पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौ जिले बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महाराजगंज को सीधा लाभ मिलेगा. किसान एक अरसे से इस प्रोजेक्ट के पूरे होने की उम्मीद कर रहे थे. प्रोजेक्ट कई वर्षों तक अधूरा रहा. अब उन्नत सिंचाई क्षमता किसानों को लाभ मिलेगा. इलाके में सूखे की समस्या भी दूर होगी और जमीन की सिंचाई भी सही तरह से हो सकेगी.

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